लाइव न्यूज़ :

Budget 2025: गांव-शहर के बीच अंतर पाटने की चुनौती?, मासिक प्रतिव्यक्ति खर्च का अंतर 84 से घटकर 70 प्रतिशत!

By अश्विनी महाजन | Updated: February 3, 2025 05:47 IST

Budget 2025: बजट 2025-26 की एक और महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि इसमें कॉर्पोरेट टैक्स को लगभग अछूता छोड़ दिया गया है.

Open in App
ठळक मुद्दे बजट का आकार 50 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है.ग्रामीण क्षेत्रों में आय में वृद्धि के साथ यह अब एक मजबूरी नहीं रहेगी.बजट 2025-26 ग्रामीण आय को बढ़ाने के लिए बहुत कुछ करता है.

Budget 2025: देश के सामने ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी क्षेत्रों में सापेक्ष आय में कमी एक बड़ी चुनौती है. हालांकि आर्थिक सर्वेक्षण ने बताया कि ग्रामीण और शहरी आबादी के बीच में एमपीसीई (मासिक प्रतिव्यक्ति खर्च ) का अंतर 84 प्रतिशत से घटकर 70 प्रतिशत हो गया है. यह ग्रामीण सड़कों, आवास, स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन, पानी, बिजली, स्वास्थ्य सेवा, स्वच्छता और कई अन्य कल्याणकारी योजनाओं पर बढ़ते खर्च के कारण संभव हुआ है. बजट के प्रावधान इस प्रवृत्ति को आगे बढ़ाने वाले हैं. बजट 2025-26 ग्रामीण आय को बढ़ाने के लिए बहुत कुछ करता है.

किसान क्रेडिट कार्ड की 5 लाख तक उच्च सीमा, कृषि को बढ़ावा, खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा और ग्रामीण आय बढ़ाने के लिए कई अन्य प्रयास ग्रामीण-शहरी असमानताओं को कम करने में लंबा रास्ता तय कर सकते हैं. हालांकि, बजट पर चर्चा में मखाना बोर्ड पर बहुत अधिक बात हो रही है, जो बिहार में किसानों की आय को बहुत जरूरी सहायता प्रदान कर सकता है.

दालों में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयास, कपास मिशन और कृषि के लिए कई अन्य योजनाएं भी कम सराहनीय नहीं हैं. शायद, निर्मला सीतारमण यह कहने में सही हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों में पलायन एक विकल्प बन सकता है, लेकिन सरकार के प्रयासों से ग्रामीण क्षेत्रों में आय में वृद्धि के साथ यह अब एक मजबूरी नहीं रहेगी.

पिछली दो तिमाहियों में जीडीपी वृद्धि में कमी, रुपए में गिरावट, मुद्रास्फीति जारी रहना, उपभोग में कमी, व्यापार घाटा बढ़ना, विदेशी मुद्रा भंडार में कमी के कारण अर्थव्यवस्था की सेहत को लेकर चिंताएं व्यक्त की जा रही थीं. मध्यम आय वाले करदाताओं को कर राहत देने की मांग भी बढ़ रही थी.

लेकिन साथ ही देश की राजकोषीय सेहत भी काफी अच्छी स्थिति में थी, जिसमें राजकोषीय घाटा कम था, प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों में उछाल, एनआरआई द्वारा बड़ी मात्र में धन प्रेषण और चालू वित्त वर्ष में निजी निवेश की बढ़ती घोषणाएं इसका प्रमाण दे रही थीं. इससे वित्त मंत्री को छोटे करदाताओं, खासकर वेतनभोगी वर्ग को बड़ी राहत देने और लगभग एक लाख करोड़ रुपए के कर राजस्व और 12 लाख सालाना या कहें कि एक लाख रुपए मासिक आय को आयकर से मुक्त करने का विकल्प चुनने का मौका मिल सका.

बजट 2025-26 की एक और महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि इसमें कॉर्पोरेट टैक्स को लगभग अछूता छोड़ दिया गया है. बजट में उल्लेखनीय बात यह है कि मध्यम वर्ग को एक लाख करोड़ रुपए की राहत के बावजूद बजट का आकार 50 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है.

टॅग्स :बजट 2025बजटनिर्मला सीतारमणनरेंद्र मोदी
Open in App

संबंधित खबरें

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारतModi-Putin Talks: यूक्रेन के संकट पर बोले पीएम मोदी, बोले- भारत न्यूट्रल नहीं है...

भारतPutin India Visit: एयरपोर्ट पर पीएम मोदी ने गले लगाकर किया रूसी राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत, एक ही कार में हुए रवाना, देखें तस्वीरें

भारतPutin India Visit: पुतिन ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी, देखें वीडियो

भारतपीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को भेंट की भगवत गीता, रशियन भाषा में किया गया है अनुवाद

कारोबार अधिक खबरें

कारोबारIndiGo Crisis: इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने फ्लाइट कैंसिल होने पर माफी मांगी, कहा- बताया कब स्थिति हो जाएगी सामान्य

कारोबारRBI Monetary Policy: 25 बेसिस पॉइन्ट की कटौती, लोन में सुविधा; जानें आरबीआई की MPC बैठक की मुख्य बातें

कारोबारShare Market Today: RBI के ब्याज दर कटौती से शेयर बाजार में तेजी, घरेलू शेयरों ने पकड़ी रफ्तार

कारोबारPetrol-Diesel Price Today: टंकी फूल कराने से पहले यहां चेक करें तेल के लेटेस्ट दाम, जानें कहां मिल रहा सस्ता ईंधन

कारोबारGPS Spoofing: 'इसे हल्के में मत लो!' अंकुर चंद्रकांत का अलर्ट हुआ वायरल, कौन हैं निशाने पर?