लॉन्चिंग के एक दशक बाद Tata Motors अपने बहुचर्चित लखटकिए कार को आधिकारिक रूप से बंद करने जा रही है। इस बात का ऐलान कंपनी अपने 73वीं वार्षिक मीटिंग में कर सकती है। जून 2018 से नैनो की प्रोडकशन ग्राहकों के ऑडर के मुताबिक की जारी है। कंपनी के चेयरमैन नटराज चंद्रशेखरन इस बात का ऐलान कर सकते हैं। बता दें कि टाटा मोटर्स की वार्षिक मीटिंग आज(3 अगस्त 2018) होने वाली है।
टाटा नैनो को कंपनी ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट के तौर पर तैयार किया था। टाटा सन्स के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा ने इस कार को भारत के छोटे परिवार के लिए तैयार करवाया था। रतन टाटा ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें इस कार को बनाने का ख्याल तब आया था जब उन्होंने पूरी फैमली को एक स्कूटर पर सवारी करते देखा था। इसके बाद से वे अपने खाली पलों में स्कूटर के ज्यादा सेफ डिजाइन के बारे में सेचते रहते थे। बता दें कि रतन टाटा एक दिग्गज आर्किटेक्ट हैं।
दुनियां की सबसे सस्ती कार के नाम से जाने वाली टाटा नैनो के लिए पिछले कुछ वर्षों में बहुत खराब रहे हैं। पिछले कुछ सालों में टाटा नैनो की खरीदारी में भारी गिरावट दर्ज किया गया है। टाटा मोटर्स के अनुसार अप्रैल 2018 में नैनो की केवल 65 युनिट्स ही बिक पाई जबकी अप्रैल 2017 में नैनो की कुल 872 युनिट्स की बिक्री हुई थी।
अप्रैल 2017 और अप्रैल 2018 का आंकलन करें तो नैनो की बिक्री में 92 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। जून 2018 में नैनो की केवल 3 युनिट्स की बिक्री हुई और केवल 1 युनिट का प्रोडक्शन हुआ था। हालांकि जुलाई 2018 में नैनो की 50 युनिट्स की प्रेडक्शन हुई है।
नैनो की सेल्स में गिरावट की एक बड़ी वजह थी इस लखटकिए कार की बढ़ती कीमत। भारत में 1 अक्टूबर 2017 को नया कार क्रैश टेस्ट नॉर्म्स को लागू किया गया था। नए कार क्रैश टेस्ट में पास होने के लिए कंपनी ने इस कार में सुरक्षा को लेकर बदलाव किए थे।
नए सुरक्षा उपकणों को लागने के कारण इस कार की कीमत में इजाफा किया गया। कीमत में इजाफे के बाद नैनो के बिक्री में भारी गिरावट दर्ज किया जाने लगा। कंपनी के लोगों के अनुसार नेक्सट जनरेशन नैनो को तैयार करने के लिए कंपनी ने 400 करोड़ का निवेश किया था।
रिपोर्ट- विक्रमादित्य सिंह सोलंकी