Viral video: आपने सर्कस में करतब के दौरान कुछ लोगों को लकड़ी की स्टिल्ट की मदद से जमीन से कई फीट उपर चलते देखा होगा। लेकिन सामान्य रूप से 10 फुट ऊंचे स्टिल्ट पर चलना अधिकांश लोगों को अव्यावहारिक लग सकता है। लेकिन इसी दुनिया में एक आदिवासी जनजाति है जो घर से बाहर जब भी कदम रखती है तो 10 फुट ऊंचे स्टिल्ट पर चलती है। इनके बच्चे भी लकड़ी के स्टिल्ट के सहारे चलने में माहिर होते हैं।
ऐसा करने वाली इथियोपिया की बन्ना जनजाति है। बन्ना जनजाति ने इस चुनौतीपूर्ण कौशल को अपने दैनिक जीवन में शामिल कर लिया है। एक्स पर हाल ही में सामने आए एक वीडियो से लोगों का ध्यान इस असाधारण परंपरा की ओर गया। वीडियो में बन्ना जनजाति बच्चों को स्टिल्ट्स पर कठिन इलाकों में भी आसानी से चलते हुए देखा जा सकता है।
स्टिल्ट वॉकिंग की परंपरा सदियों पुरानी है
जब हमने इस परंपरा के पीछे की वजह पता कि तो कुछ खास जानकारियां सामने आईं। टेल्स ऑफ़ अफ़्रीका वेबसाइट के अनुसार बन्ना जनजाति के बीच स्टिल्ट वॉकिंग की परंपरा सदियों पुरानी है। यह उनकी सांस्कृतिक पहचान है। व्यावहारिक रूप से स्टिल्ट्स के प्रयोग से जनजाति के लोगों को दलदली जमीन पार करने में आसानी होती है। नदियों को पार करने और कीचड़ भरे इलाकों में आसानी से जाने में मदद होती है साथ ही जहरीले सांपों से खुद को बचाने के लिए भी बन्ना जनजाति द्वारा इसका प्रयोग किया जाता है।
हालांकि लकड़ी की स्टिल्ट की मदद से जमीन से कई फीट उपर चलना इतना आसान नहीं है। बन्ना जनजाति में एक कुशल स्टिल्ट वॉकर या तेवा बनने के लिए वर्षों के समर्पण और अभ्यास की आवश्यकता होती है। स्टिल्ट मजबूत लकड़ी के डंडों से तैयार किए जाते हैं। इनमें रस्सियों और चमड़े की पट्टियों का इस्तेमाल कर पैर रखने की जगह बनाई जाती है। संतुलन की कला में महारत हासिल करना महत्वपूर्ण है। बन्ना जनजाति ने इसे उल्लेखनीय कुशलता से हासिल किया है।
बन्ना लोगों ने स्टिल्ट वॉकिंग को एक कला के रूप में विकसित किया है। उनके प्रदर्शन में अक्सर नृत्य जैसी गतिविधियाँ शामिल होती हैं। वे अपने टखनों के चारों ओर घंटियाँ भी पहनते हैं। स्टिल्ट पर चलने वाले लोगों को तेवा कहा जाता हैं।