वाशिंगटन, नौ अप्रैल अमेरिकी नौसेना ने भारत की पूर्वानुमति के बिना बुधवार को लक्षद्वीप द्वीपसमूह के निकट भारतीय जलक्षेत्र में नौपरिवहन स्वतंत्रता अभियान शुरू कर दिया।
अमेरिकी नौसेना की सातवीं फ्लीट के कमांडर की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मिसाइल नाशक यूएसएस जॉन पॉल जोन्स के जरिये सात अप्रैल को यह अभियान शुरू किया गया।
बयान में कहा गया है, ''सात अप्रैल, 2021 को यूएसएस जॉन पॉल जोन्स (डीडीजी 53) ने भारत की अनुमति के बिना, अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप उसके विशेष आर्थिक क्षेत्र लक्षद्वीप द्वीपसमूह के पश्चिम से लगभग 130 समुद्री मील दूर नौपरिवहन अधिकार एवं स्वतंत्रता अभियान शुरू किया।''
भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र या उपमहाद्वीपीय इलाके में सैन्य अभ्यास या अभियान के लिये उससे पूर्वानुमति लेनी होती है।
बयान में दावा किया गया है कि यह अभियान अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुरूप शुरू किया गया है।
बयान के अनुसार, इस नौपरिवहन स्वतंत्रता अभियान ने भारत के अत्यधिक समुद्री दावों को चुनौती देते हुए अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत अधिकारों की स्वतंत्रता और समुद्र के विधि सम्मत उपयोग को बरकरार रखा है।
इस बयान के अनुसार, अमेरिकी बल भारत-प्रशांत क्षेत्र में दैनिक अधार पर गतिविधियां करते हैं। सभी अभियानों को अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार अंजाम दिया जाता है। साथ ही यह स्पष्ट किया जाता है कि अमेरिका अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार, जहां चाहे, वहां हवाई, समुद्री और अन्य गतिविधियों को अंजाम दे सकता है।
बयान में कहा गया है, ''हम नियमित रूप से नौपरिवहन स्वतंत्रता अभियान का आयोजन करते हैं। हम अतीत में भी ऐसा कर चुके हैं और भविष्य में भी करते रहेंगे। नौपरिवहन स्वतंत्रता अभियान केवल एक देश के लिये नहीं होते।''
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि अमेरिकी नौसेना ने भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र में इस प्रकार का अभियान शुरू किया हो।
अमेरिका का रक्षा मंत्रालय वार्षिक नौपरिवहन स्वतंत्रता रिपोर्ट प्रकाशित करता है जिसमें उन ''समुद्री दावों की पहचान की जाती है, जिन्हें अमेरिकी बल संचालनात्मक रूप से चुनौती देते है।''
रक्षा मंत्रालय के अनुसार अमेरिकी नौसेना ने पिछली बार वित्त वर्ष 2019 में ऐसे ही एक अभियान का आयोजन किया था।
अमेरिकी कांग्रेस में जुलाई 2020 में पेश की गई एक गैर-गोपनीय रिपोर्ट में अमेरिकी नौसेना ने कहा था कि उसने अंतरराष्ट्रीय कानून द्वारा सभी देशों को प्राप्त समुद्र और वायुमार्ग के इस्तेमाल के अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा के लिये एक अक्टूबर 2018 से 30 सितंबर 2019 की अवधि के दौरान हिंद महासागर में एक अभियान का आयोजन किया था।
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