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बाइडन और नेतन्याहू के बीच संबंधों की मुश्किलों भरी शुरुआती परीक्षा

By भाषा | Updated: May 20, 2021 17:43 IST

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वाशिंगटन, 20 मई (एपी) गाजा में हमास के खिलाफ सैन्य हमलों को रोकने के लिए बेंजामिन नेतन्याहू को मनाने के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रयासों ने दोनों नेताओं को अमेरिका-इजराइल संबंधों के मुश्किल भरे शुरुआती परीक्षण में ला खड़ा कर दिया है।

दोनों देशों ने बीते कुछ वर्षों में तनाव के अन्य क्षणों का भी सामना किया है और गाजा में संघर्ष को लेकर उनके मौजूदा मतभेदों ने एक ऐसी चुनौती खड़ी कर दी है जिससे बचने की बाइडन जी-तोड़ कोशिश कर रहे थे।

व्हाइट हाउस के मुताबिक, बाइडन ने नेतन्याहू को फोन कर बुधवार को कहा कि वह दिन समाप्त होने तक लड़ाई में “महत्त्वपूर्ण रूप से कमी” की उम्मीद कर रहे हैं। लेकिन प्रधानमंत्री तुरंत एक सार्वजनिक घोषणा के साथ सामने आए कि वह गाजा अभियान को “जारी रखने के लिए दृढ़ हैं जब तक कि उसका लक्ष्य प्राप्त न कर लिया जाए।”

नेतन्याहू ने यह जरूर कहा कि वह, “अमेरिकी राष्ट्रपति के समर्थन की सराहना” करते हैं लेकिन फिर भी कहा कि इजराइल आगे बढ़ेगा।

बाइडन ने इस बात के लिए अपना समय एवं ऊर्जा लगाने की उम्मीद नहीं की थी।

बाइडन कार्यकाल की शुरुआत में, विदेश नीति कहीं ठंडे बस्ते में चली गई थी। राष्ट्रपति ने पश्चिम एशिया में आभासी शांति स्थापित करने के अंतहीन प्रयास में फंसने से बचने की कोशिश की है जबकि उनके पूर्ववर्तियों ने बिना खास सफलता के इस दिशा में बहुत कीमती समय समर्पित किया है।

यह पहली बार नहीं है जब बाइडन और नेतन्याहू सार्वजनिक तौर पर दो छोरों पर मौजूद नजर आए हों।

उपराष्ट्रपति के तौर पर बाइडन ने नेतन्याहू को रात्रिभोज की एक बैठक में इंतजार कराया था जब इजराइली नेता ने 2010 में बाइडन के इजराइल दौरे के मध्य में विवादित पूर्वी यरूशलम में 1,600 नये अपार्टमेंटों के निर्माण को मंजूरी देकर राष्ट्रपति बराक ओबामा को शर्मिंदा किया था।

नेतन्याहू ने रात्रिभोज में आहत भावनाओं को ठीक करना चाहा था। लेकिन भोजन के बाद, बाइडन ने एक बयान में प्रधानमंत्री को आगाह किया था कि इस कदम ने शांति वार्ता फिर से शुरू करने के लिए फलस्तीनियों को मनाने के अमेरिका के प्रयासों को कमतर किया है।

बाद में भी ओबामा और नेतन्याहू के रिश्तों में फलस्तीन के मुद्दे को लेकर कड़वाहट देखने को मिली थी।

हालांकि, नेतन्याहू के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से थोड़े बेहतर रिश्ते थे जिनकी उन्होंने अमेरिकी दूतावास को तेल अवीव से स्थानांतरित कर यरूशलम में लाने की प्रशंसा की थी। इसके अलावा इजराइल और खाड़ी पड़ोसियों बहरीन और संयुक्त अरब अमीरात के साथ ही मोरक्को और सूडान के साथ संबंध सामान्य करने में मध्यस्थता की भी सराहना की थी।

नेतन्याहू से संघर्ष से पीछे हटने की बाइडन की अपील के पीछे अमेरिकी राष्ट्रपति पर अधिक ताकत के साथ हस्तक्षेप करने के लिए बढ़ता राजनीतिक एवं अंतरराष्ट्रीय दबाव है। बाइडन, बुधवार तक प्रत्यक्ष तौर पर इजराइल पर दबाव बनाने से बच रहे थे। उनका प्रशासन शांति एवं गहन कूटनीति का सहारा ले रहा था।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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