गाजा सिटी, 19 मई (एपी) गाजा पट्टी पर इजराइल की लगातार बमबारी और हवाई हमलों से यहां के बच्चे दहशत और सदमे में है। छोटी सी उम्र में अनेक बच्चों ने ऐसे हालात बार-बार देखे हैं। दो दिन पहले घर के मलबे में से निकाली गई सात साल की सुजी इशकोंताना ने अपने भाई-बहनों और मां को अपनी आंखों के सामने दम तोड़ते देखा है। मलबे से निकलने के बाद वह न तो कुछ बोल रही है और न ही खा-पी रही है।
बीते बारह बरस में यह चौथी बार है जब इजराइल और हमास शासकों के बीच युद्ध हुआ है। हर बार इजराइल ने घनी आबादी वाली गाजा पट्टी की ओर निरंतर हवाई हमले किए, हमास ने भी इजराइल की ओर लगातार रॉकेट दागे।
गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक दस मई को शुरू हुए संघर्ष में गाजा में अब तक 217 फलस्तीनी मारे गए हैं जिनमें से कम से कम 63 बच्चे हैं। वहीं इजराइल में हमास के रॉकेट हमलों में पांच वर्षीय एक बच्चे समेत 12 लोगों की मौत हो गई।
सोशल मीडिया पर आए गाजा के वीडियो दिल दहलाने वाले हैं। कहीं अपने बच्चों की मौत की खबर सुनकर पिता सुधबुध खो बैठा है तो कहीं बच्चा अपने पिता की देह नहीं ले जाने दे रहा।
रविवार सुबह इजराइल द्वारा बिना किसी पूर्व चेतावनी के किए गए हमले में इशकोंताना परिवार का घर मलबे में बदल गया और सभी सदस्य उस मलबे में दब गए।
सुजी के पिता रियाद कहते हैं, ‘‘मुझे मेरी पत्नी और बच्चों की आवाज आ रही थी। धीरे-धीरे ये आवाजें मंद पड़ने लगी और मुझे अहसास हुआ कि वे मर चुके हैं।’’ परिवार में अब सुजी और उसके पिता ही जिंदा बचे हैं।
बालरोग चिकित्सक डॉ. जुहैर अल जारो ने बताया कि सुजी बहुत सदमे में है और गहरे अवसाद में चली गई है।
लगातार हो रही बमबारी के बीच गाजा में अभिभावक अपने भयभीत बच्चों को शांत करने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं।
शरणार्थी परिषद क्षेत्र के फिल्ड मैनेजर हुजैफा याजजी ने कहा कि यह हिंसा बच्चों की मानसिकता को निश्चित ही प्रभावित करेगी।
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