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अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे से दक्षिण पूर्व एशिया में बढ़ सकता है आतंकवाद : सिंगापुर के मंत्री

By भाषा | Updated: September 10, 2021 15:51 IST

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(गुरदीप सिंह)

सिंगापुर, 10 सितंबर सिंगापुर के कानून और गृह मंत्री के षणमुगम ने कहा कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे से दक्षिण पूर्व एशिया में आतंकवाद बढ़ सकता है। उन्होंने आगाह किया कि युद्ध से तबाह देश क्षेत्र के संभावित आतंकवादियों के कट्टरपंथी प्रशिक्षण के लिये एक सुरक्षित आश्रय स्थल बन सकता है जहां उनकी पहुंच हथियारों तक होगी।

मंत्री ने कहा कि यह आशंका इसलिये है क्योंकि पूर्ववर्ती तालिबान शासन के दौरान अफगानिस्तान ने सिंगापुर समेत दक्षिण पूर्व एशिया के संभावित आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराई थी।

चैनल न्यूज एशिया ने भारतीय मूल के मंत्री को उद्धृत करते हुए कहा, “यदि आप पूछते हैं कि आतंकवादियों को क्या चाहिए या क्या मदद मिलेगी कि आतंकवादी बाहर जाकर बुरे काम करें : एक सुरक्षित ठिकाना, एक जगह जहां वे प्रशिक्षण ले सकते हैं, एक ऐसी जगह जहां उनके दिमाग को और भी अधिक कठोर और कट्टरपंथी बनाया जा सकता है।”

मंत्री ने कहा, “और पहले, आईएसआईएस और अल-कायदा के साथ क्या हुआ था, उनके पास ऐसे सुरक्षित पनाहगाह थे। अफगानिस्तान ने सिंगापुर सहित दक्षिण पूर्व एशिया के व्यक्तियों को प्रशिक्षण के लिए एक सुरक्षित आश्रय प्रदान किया; और उसने प्रशिक्षण, हथियारों तक पहुंच के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराई, जंग पर उनके प्रशिक्षण ने लोगों को कट्टरपंथी बना दिया और यह बात उसे बहुत खतरनाक बनाती है।”

षणमुगम ने कहा, “क्या यह फिर से होगा? बहुत से लोगों का यह डर है। मुझे डर है कि यह फिर से हो सकता है। मुझे लगता है कि इस क्षेत्र में आतंकवाद बढ़ने की आशंका है, कई सुरक्षा एजेंसियां और गंभीर लोग इसके बारे में चिंतित हैं।”

सिंगापुर में सुरक्षा स्थिति पर, शणमुगम ने कहा, “दिन-प्रतिदिन के संदर्भ में, मैं यह नहीं कहूंगा कि अफगानिस्तान की घटनाओं से सुरक्षा खतरे में तत्काल वृद्धि हुई है - लेकिन यह एक रणनीतिक मुद्दा है; यह एक दीर्घकालिक मुद्दे का मध्य है और हमें उसके लिए तैयार रहने की आवश्यकता होगी।”

उन्होंने कहा, “लेकिन इस बीच, आंतरिक सुरक्षा विभाग परिदृश्य का जायजा ले रहा है कि क्षेत्र में तथा अफगानिस्तान समेत अन्य जगहों पर क्या हो रहा है। और स्वाभाविक रूप से इसके आधार पर सिंगापुर में हमें जो करने की आवश्यकता है हम वह करते हैं तथा यह एक सतत प्रक्रिया है।”

षणमुगम ने बताया कि कैसे अमेरिका में 11 सितंबर, 2001 को हुए आतंकी हमलों के बाद "कुछ दिनों के अंदर" आंतरिक सुरक्षा अधिनियम (आईएसए) लागू किया गया था, जब अधिकारियों ने सिंगापुर के 36 नागरिकों को गिरफ्तार किया था जो जेम्माह इस्लामिया आतंकवादी नेटवर्क का हिस्सा थे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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