Russia-Ukraine war: यूक्रेनी सेना के रूस में घुसने के बाद बेलगोरोड सीमा क्षेत्र में आपातकाल की घोषणा की गई है। यूक्रेनी सशस्त्र बलों की गोलाबारी के कारण क्षेत्र में स्थिति बेहद कठिन और तनावपूर्ण बनी हुई है। बेलगोरोड के गवर्नर व्याचेस्लाव ग्लैडकोव ने कहा है कि कई घर नष्ट हो गए हैं, नागरिक मारे गए और घायल हुए हैं। उन्होंने टेलीग्राम पर कहा कि क्षेत्रीय स्तर पर आपातकाल की स्थिति लागू की जाएगी। उसके बाद सरकारी आयोग से संघीय आपातकाल की स्थिति घोषित करने का अनुरोध किया जाएगा।
बता दें कि बेलगोरोड क्षेत्र में दो बस्तियों पर यूक्रेनी सशस्त्र बलों के ड्रोन ने हमला किया हालांकि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ। रूस को चौंकाते हुए यूक्रेन की सेना रूस के कुर्स्क क्षेत्र में कम से कम 800 वर्ग किलोमीटर (308 वर्ग मील) क्षेत्र पर नियंत्रण कर चुकी है। रूस ने स्वीकार किया है कि यूक्रेनी इकाइयाँ देश में बहुत अंदर तक घुस गई हैं। रूसी अधिकारियों के अनुसार यूक्रेनी सैनिक सीमा से 30 किमी (20 मील) अंदर आ गई हैं।
कम से कम 28 कुर्स्क गाँव अब यूक्रेन के नियंत्रण में हैं। 7 अगस्त को कहा कि यूक्रेन ने आक्रमण के पहले दो दिनों में अपनी सबसे बड़ी बढ़त हासिल की। रूस को इस तरह की कार्रवाई की उम्मीद नहीं थी। हालांकि मामला सामने आने के बाद रूस ने तुरंत अपनी सैनिक टुकड़ियां इलाके में भेज दीं जिससे यूक्रेन की रफ्तार कम हो गई है।
यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा है कि उनकी सेना रूस के कुर्स्क क्षेत्र में आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा है कि हमने इस अवधि के दौरान 100 से अधिक रूसी सैनिकों को पकड़ा है। इससे हमारे लड़कों और लड़कियों की घर वापसी में तेज़ी आएगी।
यूक्रेन के इस आक्रामक कदम का कई देशों ने समर्थन किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि कुर्स्क में घुसपैठ पुतिन के लिए एक दुविधा वाली स्थिति है। हालांकि अमेरिका ने साफ किया है कि इसमें उसकी कोई भूमिका नहीं है।
फिनलैंड के प्रधानमंत्री पेटेरी ओर्पो ने भी इस सैन्य अभियान का समर्थन किया है। प्रधानमंत्री पेटेरी ओर्पो ने कहा कि यूक्रेन को अपनी रक्षा करने और रूस के कुर्स्क क्षेत्र में सैन्य घुसपैठ करने का अधिकार है। ओर्पो ने कहा है कि यूक्रेन को आत्मरक्षा का अधिकार है और यह स्पष्ट है कि वे कुर्स्क में अपना अभियान चला सकते हैं।