लाहौर: इमरान खान पर जानलेवा हमले के बाद भी उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने अहम फैसला लेते हुए ऐलान किया है कि पार्टी का शहबाज शरीफ सरकार के खिलाफ लाहौर से इस्लामाबाद तक जारी रहने वाला 'हकीकी आजादी' का मार्च बदस्तूर जारी रहेगा। इसके साथ ही पाकिस्तान से यह भी खबर आ रही है कि इमरान खान पर हुए हमले के विरोध में मुल्क के मुख्तलिफ हिस्सों में जोरदार विरोध-प्रदर्शन चल रहे हैं।
इमरान खान गुरुवार को वजीराबाद में उस समय एक हमलावर की गोलियों से जख्मी हो गये थे, जब वो पीटीआई की ओर से जारी हकीकी मार्च की अगुवाई कर रहे थे। हमले के बाद इमरान खान को लाहौर के शौकत मैमोरियल कैंसर अस्पताल में दाखिल कराया गया है, जहां उनका इलाज किया जा रहा है। पार्टी के ओर से लाहौर से इस्लामाबाद तक किये जाने वाले मार्च के संबंध में पीटीआई के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि अस्पताल में पार्टी प्रमुख इमरान खान के साथ हुई मीटिंग में तय किया गया है कि पार्टी मार्च को इस्लामाबाद की ओर जारी रखेगी।
इस संबंध में पार्टी के वरिष्ठ नेता असद उमर ने ट्वीट करके कहा कि जब शरीफ हुकूमत इमरान खान को नहीं रोक सकी तो उन "कायरों ने इमरान खान को शहीद करने की कोशिश की। अल्लाह का मेहर इमरान खान के साथ है और उन्हें इस मुल्क के लिए अभी बहुत काम करने हैं।"
वहीं पीटीआई के अन्य वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने ट्वीट करके कहा, “यह हमला अकेले इमरान खान पर नहीं बल्कि पूरे मुल्क पर था। इस कायराना हरकत के बाद अब इमरान खान और ताकत के साथ इस्लामाबाद की ओर बढ़ेंगे, अल्लाह की मेहर बनी रहे।"
पार्टी नेता अली मोहम्मद खान ने ट्वीट करते हुए मुल्क के सुप्रीम कोर्ट से इमरान खान पर हुए हमले के बारे में सोचने की अपील की। उन्होंने कहा कि शहबाज शरीफ सरकार पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के हकीकी आजादी के मार्च को सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है। इस हमले के बाद पीटीआई तब तक चैन से नहीं बैठेगी जब तक कि इमरान खान की हत्या की कोशिश करने वाले सभी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता।
पीटीआई नेता उमर अयूब खान ने कहा कि अब तो पीटीआई के पीछे हटने का सवाल ही नहीं है, क्योंकि मुल्क में केवल यही पार्टी है, जो कायरों के हमलों से डरती नहीं है।" उन्होंने कहा इमरान खान बेहत शांत तरीके से 'हकीकी आजादी' मार्च को लेकर इस्लामाबाद की ओर जा रहे थे, लेकिन उनपर जानलेवा हमला किया गया, लेकिन ये हमला अकेले उनपर नहीं बल्कि इस मुल्क की 22 करोड़ आवाम पर किया गया है।