वाशिंगटन: इस साल जनवरी तक कोविड-19 मरीजों से भरे हुए अस्पतालों, हजारों मौतों और टीकाकरण को सफल बनाने के लिए संघर्ष कर रहे पुर्तगाल में अब आठ महीने बाद कोई भी टीका लगवाने के लिए नहीं बचा है.
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, पुर्तगाल ने अपनी 86 फीसदी यानी कि एक करोड़ से अधिक आबादी को पूरी तरह से टीकाकृत कर दिया है. इस तरह टीकाकरण के लिए योग्य लगभग 98 फीसदी आबादी (12 साल से अधिक उम्र) के सभी लोग पूरी तरह से टीकाकृत हो चुके हैं.
यह जानकारी पूर्व पनडुब्बी स्क्वाड्रन कमांडर एडमिरल गौविया ई मेलोस ने दी जिन्हें आठ महीने पहले सरकार ने यह जिम्मेदारी सौंपी थी.
यही कारण है कि बीते शुक्रवार को पुर्तगाल ने अपने लगभग सभी कोरोना वायरस प्रतिबंधों को समाप्त कर दिया. नए मामलों में तेजी से गिरावट आई है जो कि एक दिन में लगभग 650 रह गई है और मौतों की संख्या भी नाममात्र रह गई है.
हालांकि, टीके की खेप हासिल करने में भाग्यशाली रहे कई पश्चिमी देशों में टीकाकरण की उच्च दर के बावदूद 20 फीसदी से अधिक आबादी टीकाकृत नहीं हो पाई है. ऐसे में वे देश देखना चाहते हैं कि पूरी तरह टीकाकरण होने के बाद पुर्तगाल में क्या होता है.
वहीं, डेल्टा और कोरोना वायरस के नए रूपों के कारण चिंता अभी भी बरकरार है यही कारण है कि एडमिरल गौविया ई मेलो ने कहा कि पुर्तगाल जल्द ही वृद्ध लोगों और चिकित्सकीय रूप से कमजोर समझे जाने वाले लोगों के लिए बूस्टर की पेशकश शुरू कर सकता है और उन्हें विश्वास है कि दिसंबर के अंत तक उन सभी को बूस्टर डोज दिया जा सकता है.
बता दें कि, पुर्तगाल में वाम दलों की अल्पसंख्यक सरकार है और टीका आने पर आम जनता के बीच काफी भ्रांतियां थीं. हालांकि, फरवरी में एडमिरल मेलोस को जिम्मेदारी सौंपे जाने के बाद चीजें काफी तेजी से बदलीं.