बीजिंग, 27 अप्रैलः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार देर रात दो दिवसीय दौरे पर चीन पहुंच गए हैं। इसी के साथ वह सबसे ज्यादा बार चीन दौरे पर जाने वाले भारतीय प्रधानमंत्री बन गए हैं। पिछले चार साल के कार्यकाल में पीएम मोदी का यह चौथा चीन दौरा है। इससे पहले अपने 10 साल के कार्यकाल में मनमोहन सिंह ने तीन बार चीन की यात्रा की थी। गौरतलब है कि पीएम मोदी की यह अनौपचारिक यात्रा है। इसमें कई मुद्दों पर चर्चा तो होगी लेकिन किसी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किया जाएगा। पहली बार ऐसा हो रहा है, जब भारत और चीन के किसी नेता की बैठक के बाद कोई ज्वाइंट कॉन्फ्रेंस या मीडिया ब्रीफिंग नहीं होगी। इस दो दिवसीय यात्रा में पीएम मोदी छह बार राष्ट्रपति जिनपिंग से मुलाकात करेंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्विटर पर लिखा, 'चीनी राष्ट्रपति शी के साथ पहली अनौपचारिक शिखर वार्ता के लिए वुहान पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। दोनों नेता हमारे द्विपक्षीय संबंधों के बढ़ने की रणनीतिक और दीर्घकालीन परिप्रेक्ष्य से समीक्षा करेंगे।' पीएम मोदी ने भी ट्वीट के जरिए शी जिनपिंग के साथ चर्चा के मुद्दों की जानकारी दी।
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पीएम नरेंद्र मोदी का चीन दौराः क्या है खास?
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को दोपहर 3.30 बजे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे। यह हुबेई प्रोविंसियल म्यूजियम का करीब एक घंटे तक टूर करेंगे।
- इसके बाद दोनों नेता छह शीर्ष अधिकारियों के साथ ईस्ट लेक गेस्ट हाउस में वार्ता करेंगे। इसके बाद दोनों नेता कुछ देर पैदल चलेंगे।
- चीन के राष्ट्रपति सेंट्रल वुहान के गेस्ट हाउस में पीएम मोदी को डिनर के लिए आमंत्रित करेंगे।
- शनिवार को दोनों नेता अपने सहयोगियों के साथ नदी किनारे वॉक करेंगे और नौका विहार भी करेंगे।
- इसके बाद चीनी राष्ट्रपति भारत के प्रधानमंत्री के लिए लंच का आयोजन करेंगे।
- सूत्रों के मुताबिक यह अनौपचारिक वार्ता है जिसका उद्देश्य उच्च स्तर पर बातचीत के रास्ते खोलना है।
- पिछले साल डोकलाम में 73 दिनों तक चले तनाव के बाद रिश्ते सामान्य करने के लिए यह मुलाकात बेहद अहम मानी जा रही है। इसके लिए दोनों देश प्रयास कर रहे हैं।