इस्लामाबादः पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश के अहम मुद्दों पर सरकार की नाकामी को लेकर हो रही आलोचना के बीच अपनी मीडिया टीम बदल दी है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कोरोना वायरस समेत विभिन्न अहम मसलों से निपटने में नाकाम रहने को लेकर हो रही अपनी सरकार की आलोचना के बीच सूचना और प्रसारण पर अपनी विशेष सहायक को हटा कर उनकी जगह शक्तिशाली फौज के पूर्व प्रवक्ता को नियुक्त किया है।
खान ने सत्ता में आने के बाद दूसरी बार अपनी मीडिया टीम में फेरबदल किया है। फौज के पूर्व प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) आसिम सलीम बाजवा ने सूचना प्रसारण पर प्रधानमंत्री के विशेष सहायक (एसएपीएम) के तौर पर डॉ फिरदौस आशिक अवान की जगह लेंगे। बाजवा नवनिर्मित चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) प्राधिकरण के अध्यक्ष भी हैं। बाजवा पाकिस्तानी सशस्त्र बलों की मीडिया इकाई अंतर सेवा जनसंपर्क (आईएसपीआर) के 2012 से 2016 के बीच महानिदेशक थे। उस वक्त फौज की कमान जनरल राहील शरीफ के हाथ में थी।
बाजवा पिछले साल सेवानिवृत्त होने से पहले दक्षिण कमान के कमांडर के तौर पर सेवाएं दे चुके हैं। प्रधानमंत्री ने सीनेटर शिबली फराज को नया सूचना मंत्री नियुक्त किया है। फराज उर्दू के जाने-माने शायर दिवंगत अहमद फराज के बेटे हैं। विज्ञान मंत्री फव्वाद चौधरी खान के पहले सूचना मंत्री थे। उन्होंने नई नियुक्तियों का ऐलान किया। चौधरी ने ट्वीट किया, "एक सम्मानित और प्रतिष्ठित व्यक्ति शिबली फराज को पाकिस्तान का नया सूचना मंत्री नियुक्त किया गया है और प्रतिभावान आसिम बाजवा को सूचना पर एसएपीएम नियुक्त किया गया है। वे दोनों मिलकर एक जबर्दस्त टीम बनाएंगे। "
वर्ष 2018 में सत्ता में आने के बाद यह दूसरा मौका है जब उन्होंने अपनी मीडिया टीम को बदला है। खान ने सीनेट सदस्य शिब्ली फराज को देश का नया सूचना मंत्री नियुक्त किया है। फराज प्रख्यात दिवंगत उर्दू कवि अहमद फराज के बेटे हैं।
सूचना और प्रसारण मामले में प्रधानमंत्री की विशेष सलाहकार डॉ.फिरदौस आशिक अवान को भी हटा दिया गया है। उनकी जगह पर सेना के पूर्व प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) असीम सलीम बाजवा को नियुक्त किया गया है। अवान को इस पद पर 18 अप्रैल 2019 को मंत्रिमंडल में फेरबदल के बाद नियुक्त किया गया था।
वहीं बाजवा तत्कालीन सेना प्रमुख रहील शरीफ के कार्यकाल में सेना के मीडिया विंग, इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशन्स के महानिदेशक रह चुके हैं। वह चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा प्राधिकरण के अध्यक्ष भी हैं। यह बदलाव इस धारणा के आधार पर किया गया है कि सरकार का मीडिया प्रबंधन अच्छा नहीं है और उसके कामों को उचित ढंग से रेखांकित नहीं किया जा रहा है।
हालांकि, विश्लेषक इससे हतप्रभ हैं और उनका कहना है कि जब तक सरकार के कदमों से जनता लाभान्वित नहीं होगी तब तक कैसे नयी टीम सरकार की छवि सुधारने का काम करेगी। विश्लेषक अयाज अमिर ने दुनिया टीवी से कहा, ‘‘इस बदलाव से अच्छा संदेश नहीं जाएगा और सरकार को कोई मदद नहीं मिलेगी।’’