(अदिति खन्ना)
लंदन, 11 अक्टूबर ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और उनके भारतीय समकक्ष नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को टेलीफोन पर बातचीत की। इस दौरान उन्होंने भारत-ब्रिटेन व्यापार और रक्षा वार्ता, दोनों देशों के बीच अंतरराष्ट्रीय यात्रा को खोलना और कॉप26 के संदर्भ में जलवायु कार्रवाई लक्ष्यों पर चर्चा की। डाउनिंग स्ट्रीट ने यह जानकारी दी।
ब्रिटेन ने चार दिन पहले घोषणा की थी कि उन भारतीय यात्रियों, जिन्होंने कोविशील्ड की दोनों खुराक या इसके द्वारा अनुमोदित किसी अन्य टीके की सभी खुराक लगवाई होंगी, उन्हें 11 अक्टूबर से आगमन पर दस दिन के पृथक-वास में रहने की आवश्यकता नहीं होगी।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कार्यालय ‘डाउनिंग स्ट्रीट’ ने बताया कि ब्रिटेन के ‘‘ भारतीय टीके को प्रमाणित करने’’ के कदम का दोनों पक्षों ने स्वागत किया।
‘डाउनिंग स्ट्रीट’ के एक प्रवक्ता ने कहा,‘‘ प्रधानमंत्री (जॉनसन) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई और अंतरराष्ट्रीय यात्रा को सतर्कतापूर्ण तरीके से शुरू करने के महत्व पर चर्चा की।’’
उन्होंने कहा कि वे इस बात पर सहमत हुए कि ब्रिटेन का भारतीय टीके को प्रमाणित करना, इस दिशा में एक स्वागत योग्य कदम है।
द्विपक्षीय संबंधों के संदर्भ में, दोनों नेताओं ने एक व्यापार समझौते की दिशा में प्रगति का स्वागत किया और एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ के नेतृत्व में ‘यूके कैरियर स्ट्राइक ग्रुप’ की यात्रा को दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने के संकेत के रूप में भी रेखांकित किया।
प्रधानमंत्रियों ने 2030 रोडमैप पर हुई प्रगति का स्वागत किया। इस पर मई में जॉनसन और मोदी द्वारा सहमति व्यक्त की गई थी।
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘उन्होंने ब्रिटेन-भारत संबंधों की मजबूती पर चर्चा की और 2030 रोडमैप पर हुई प्रगति का स्वागत किया क्योंकि मई में प्रधानमंत्री जॉनसन और प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इस पर सहमति व्यक्त की गई थी। इसमें व्यापार और रक्षा जैसे क्षेत्रों में शामिल हैं।’’
जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर जॉनसन ने अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की उपलब्धि की सराहना की और भारत से ‘‘अधिक महत्वाकांक्षी’’ कार्यवाही का आह्वान किया।
डाउनिंग स्ट्रीट ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री (जॉनसन) ने ग्लासगो में होने वाले आगामी ‘कॉफ्रेंस ऑफ दी पार्टीज’ (कॉप) 26 शिखर सम्मेलन से पहले जलवायु परिवर्तन पर ठोस प्रगति करने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत पहले से ही अक्षय प्रौद्योगिकी में दुनिया का नेतृत्व कर रहा है और उम्मीद जताई की कि वे एक अधिक महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान और शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध होंगे।’’
इसके अलावा, जॉनसन और मोदी के बीच सोमवार की बातचीत के दौरान अफगानिस्तान और तालिबान शासन से संबंधित क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की गई।
डाउनिंग स्ट्रीट ने कहा, ‘‘नेताओं ने अफगानिस्तान में मौजूदा स्थिति के बारे में भी बात की। वे तालिबान के साथ एक समन्वित अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण की आवश्यकता पर सहमत हुए और उन्होंने देश में मानवाधिकारों को बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया।’’
गौरतलब है कि तालिबान ने अगस्त के मध्य में अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा कर लिया था।
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