नई दिल्ली:भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में जॉर्डन के द्वारा पेश किए मसौदे पर वोट नहीं दिया। इस मसौदे में इजरायल-हमास के बीच चले आ रहे युद्ध को विराम देने का आह्वान किया था। जबकि, पत्र की दूसरी तरफ देखें तो आतंकवादी समूह हमास का इसमें कोई उल्लेख नहीं किया गया है।
मसौदे में गाजा पट्टी में बिना रोक टोक के मानवीय पहुंच का आह्वान किया। इसे बांग्लादेश, मालदीव, पाकिस्तान, रूस और दक्षिण अफ्रीका सहित 40 से अधिक देश द्वारा ने समर्थन भी किया। भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, जापान, यूक्रेन और ब्रिटेन ने इस मसौदे पर अपनी ओर से वोट नहीं दिया।
मसौदा में खास तौर पर लोगों की सुरक्षा, कानूनी और मानवीय दायित्वों को बनाए रखना पर इसे पेश किया गया था। लेकिन, इसके समर्थन में 120 देशों ने मत दिया, जबकि 14 ने इसके विरोध में मत और बचे 45 देशों ने ड्राफ्ट से परहेज किया।
इससे पहले कनाडा की ओर से पेश किए गए प्रस्तावित और अमेरिका के द्वारा समर्थित टेक्सट में संशोधन के लिए था, जिसमें हमास के आतंकवादी हमलों और बंधक बनाए जाने की बात को निंदा करता है। अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुपालन में बंधकों की सुरक्षा, भलाई और मानवीय व्यवहार की मांग करता है, और उनके तत्काल और बिना शर्त रिहाई की भी मांग करता है। इस पर सभी 193 देशों ने विचार भी किया था।