नई दिल्ली/बीजिंग: भारत के पड़ोस में चीन-किर्गिस्तान सीमा पर सोमवार की रात में आये तीव्र भूकंप से दिल्ली समेत भारत के कई हिस्सों में काफी तेज झटके महसूस किये गये। अमेरिकी भूवैज्ञानिकों के अनुसार बीते 22 जनवरी की लगभग मध्य रात्रि में आये भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.0 थी। भूकंप के इस तीव्र प्रभाव से व्यापक क्षति की संभावना जताई जा रही है।
समाचार एजेंसी एएफपी ने बताया कि सोमवार रात में भूकंप के कारण किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में भारी अफरा-तफरी मच गई और लोग जान बचने के लिए सड़कों पर भागने लगे। हालांकि अब तक कजाकिस्तान की ओर से किसी तरह की अधिकारिक जानमाल के खतरे या किसी के हताहत होने कोई जानकारी नहीं दी गई है।
बताया जा रहा है कि रिक्टर पैमाने पर 7.0 की तीव्रता वाले इस शक्तिशाली भूकंप के झटके भारत में राजधानी दिल्ली समेत आसपास के इलाकों में भी महसूस किये गये। इस भूकंप का असल लगभग 1,400 किलोमीटर की दूरी में महसूस किया गया। रिपोर्ट्स में बताया गया है कि इस भूकंप के झटके नेपाल और पाकिस्तान में भी महसूस किए गए।
यह भूकंप चीन के झिंजियांग क्षेत्र के अक्सू शहर के पश्चिम में 13 किलोमीटर की गहराई पर दर्ज किया गया था। एएफपी की रिपोर्ट में कहा गया है कि एक के बाद एक इस इलाके में कुछ ही देर में 5.5, 5.1 और 5.0 तीव्रता के तीन और भूकंप दर्ज किए गए। यह भूकंप चीन के दक्षिण-पश्चिम में भूस्खलन के कारण दर्जनों लोगों के दब जाने और कम से कम आठ लोगों की मौत के अगले दिन आया है।
इस भूकंप के बारे में अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) में कहा गया है कि इस भूकंप की गहराई 27.4 किलोमीटर थी और यह किर्गिस्तान-झिंजियांग सीमा क्षेत्र में आया। एजेंसी ने यह भी कहा कि किसी के हताहत होने की संभावना नहीं है। हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है रि भूकंप से क्षति की संभावना बहुत ज्यादा है और इससे भारी आपदा आ सकती है।