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कोरोना वायरस से संक्रमित मंत्री के संपर्क में आने के बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पृथक-वास में रहेंगे

By भाषा | Updated: July 18, 2021 17:48 IST

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लंदन, 18 जुलाई (एपी) ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के कारण 10 दिन पृथक-वास में रहेंगे। उनके कार्यालय ने यह जानकारी दी। हालांकि, इससे पहले कहा गया था कि प्रधानमंत्री पृथक-वास में नहीं रहेंगे।

जॉनसन के 10 डाउनिंग स्ट्रीट कार्यालय ने रविवार को बताया कि प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री ऋषि सुनक, दोनों को बीती रात ‘टेस्ट-एंड-ट्रेस’ फोन ऐप से सतर्क किया गया था। शुक्रवार को उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री साजिद जावेद के साथ बैठक की थी जो शनिवार को कोविड-19 से संक्रमित पाए गए। जावेद कोविड-19 रोधी टीके की सभी खुराक ले चुके हैं। जावेद का कहना है कि उन्हें कोविड-19 के हल्के लक्षण हैं।

जिन लोगों को ऐप से इस तरह की सूचना मिलती है उन्हें पृथक-वास में जाना होता है, हालांकि यह कानूनी बाध्यता नहीं है। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए शख्स को आम तौर पर 10 दिन के लिए पृथक-वास में जाने की सलाह दी जाती है। लेकिन जॉनसन के कार्यालय ने पहले बताया था कि प्रधानमंत्री इसके बजाय दैनिक आधार पर कोरोना वायरस की जांच कराएंगे। ऋषि सुनक पर यही नियम लागू होते हैं क्योंकि वह भी बैठक के बाद जावेद के संपर्क में आए थे। सुनक भी पृथक-वास में जाएंगे।

ब्रिटेन में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और नियम के अनुसार संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों को पृथक-वास में रहने की सलाह दी जाती है। कारोबारियों, रेस्त्रां, कार निर्माताओं और लंदन मेट्रो ने इसके कारण कर्मचारियों की कमी का सामना करने की बात कही है।

स्वास्थ्य मामले पर विपक्षी लेबर पार्टी के प्रवक्ता जोनाथन एशवर्थ ने कहा पूर्व में कहा था कि लोग इस बात से नाराज हैं कि कुछ लोगों को पृथक-वास से बचने के लिए ‘‘वीआईपी’’ की तरह विशेष सुविधा मिल रही है।

जॉनसन अप्रैल 2020 में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे और वह तीन दिन अस्पताल के गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में भर्ती थे। अब वह ऐसे समय में संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं जब सोमवार से ब्रिटेन की सरकार पाबंदी हटाने की तैयारी कर रही है। हालांकि सरकार ने बेहद संक्रामक डेल्टा स्वरूप के मद्देनजर लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। वायरस के इस स्वरूप का सबसे पहले भारत में पता चला था।

ब्रिटेन में शनिवार को संक्रमण के 54,000 से अधिक मामले आए जो जनवरी के बाद से सबसे अधिक है। अस्पतालों में भर्ती मरीजों और मौत के मामले भी बढ़ रहे हैं लेकिन टीकाकरण के कारण पहले की लहर की तुलना में यह संख्या कम है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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