चेन्नई: तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली स्थित ट्रॉपिकल बटरफ्लाई कंजरवेटरी तितलियों के संरक्षण की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। हमारे वन्य जीव पर्यावरण को सहेजने में ट्रॉपिकल बटरफ्लाई कंजरवेटरी जिस तरह से कार्य कर रहा है, वह तितलियों की पारिस्थितिकी को समझने और उनके महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए बेहद सराहनीय पहल है।
समाचार एजेंसी एएनआई ने ट्विटर पर ट्रॉपिकल बटरफ्लाई कंजरवेटरी का एक वीडियो शेयर किया, जिसमें तितलियों को बेहद सुंदर प्राकतिक माहौल में विचरण करते हुए दिखाया गया है। इस संबंध में तिरुचिलापल्ली के वन अधिकारी जी किरण ने बताया, "अब तक हमने पार्क में तितलियों की 128 प्रजातियों की पहचान की है। 200 से अधिक पौधों की प्रजातियां मौजूद हैं।"
तिरुचिरापल्ली का ट्रॉपिकल बटरफ्लाई कंज़रवेटरी लगभग 25 एकड़ में फैला है। तिलतियों के लिए बना यह कंजरवेटरी कावेरी नदी और कोलिडम ड्रेनेज बेसिन में बनाया गया है।
इस बेहद सुंदर बटरफ्लाई पार्क में तितलियों के संरक्षण के अलावा एक नक्षत्रवनम (तारा वन) भी शामिल हैं। यह ट्रॉपिकल बटरफ्लाई कंजरवेटरी भारता का ही नहीं बल्कि एशिया का सबसे बड़ा तितली पार्क है।
तमिलनाडु की तत्कालीन मुख्यमंत्री जे जयललिता ने 15 सितंबर 2012 को इस बटरफ्लाई पार्क की स्थापना की घोषणा की थी, जो कि 13 नवंबर 2015 को बनकर तैयार हुआ था।
इसकी शुरूआती लागत 7.35 करोड़ रुपये रखी गई थी लेकिन जब यह बनकर तैयार हुआ तो इसकी कुल लागत 8.67 करोड़ रुपये बताई गई थी।
तितलियों के इस पार्क में एक बड़ा सा तालाब भी है, जिसमें उड़ती हुई तितलियों के बीच नौका विहार का आनंद लिया जा सकता है। इसके अलावा पार्क में एक बगीचा, एक फव्वारा, तितलियों के लिए कांच का घर और कई झोपड़ियां भी हैं। पार्क में तितलियों को रखने के लिए कई तरह के फूलों के पौधों को लगाया गया है।