पटना: बिहार में पंडित दिनदयाल उपाध्याय-गया रेलखंड पर एक ऐसा रेलवे स्टेशन है जहां साल में महज 15 दिन ही ट्रेनें रुकती हैं और वह वक्त होता है पितृपक्ष का। इस स्टेशन का नाम अनुग्रह नारायण रोड घाट है, जो औरंगाबाद ज़िले में स्थित है। इस साल भी पितृपक्ष की शुरुआत 7 सितम्बर से हुई है और 21 सितम्बर तक यह सिलसिला चलेगा। इस दौरान कुल 8 जोड़ी पैसेंजर ट्रेनों का ठहराव इस स्टेशन पर हो रहा है। हालांकि, कोई भी एक्सप्रेस ट्रेन नहीं रुक रही है।
ऐसे में पितृपक्ष के चलते अनुग्रह नारायण रोड घाट स्टेशन एक बार फिर से गुलजार हो गया है। अगले दो हफ्ते तक यहां यात्रियों की आवाजाही लगी रहेगी। इन 15 दिनों तक देश-विदेश के पिंडदानी यहां उतरकर पिंडदान करेंगे। बाकी के 350 दिन तो ये स्टेशन विरान ही रहता है। इसके अलावा बाकी के दिन ट्रेन सरपट इस स्टेशन से होकर बिना रुके गुजर जाती है। दरअसल, इस स्टेशन का नाम अनुग्रह नारायण रोड घाट स्टेशन है। यह स्टेशन अनुग्रह नारायण रोड स्टेशन से 1.5 किलोमीटर पहले ही आता है।
अनुग्रह नारायण रोड घाट स्टेशन के पास पुनपुन नदी का घाट है, जिसकी वजह से काफी संख्या में श्रद्धालु यहां पितृपक्ष के दौरान पहुंचते हैं। इसके अलावा बाकी के दिनों में यह स्टेशन सुनसान ही रहता है। यहां से ट्रेन बिना रुके फर्राटा भरते निकल जाती है। इस स्टेशन पर तो टिकट काउंटर भी नहीं है। ऐसे में जो लोग पिंडदान के लिए आते हैं, वह गया स्टेशन तक का टिकट ले लेते हैं।
पुनपुन नदी में श्राद्ध तर्पण के बाद श्रद्धालु उसी टिकट पर दूसरी ट्रेन से या अनुग्रह नारायण रोड मुख्य स्टेशन से दूसरी ट्रेन पड़कर गया जी की ओर रवाना हो जाते हैं। स्टेशन के पुनपुन घाट पर स्थित होने के कारण धार्मिक मान्यता है कि गयाजी में पिंडदान से पहले पुनपुन नदी में प्रथम श्राद्ध करना जरूरी है। इसलिए श्रद्धालु पुनपुन नदी में श्राद्ध करने के बाद गयाजी में पिंडदान के लिए जाते हैं। इसी वजह से अनुग्रह नारायण रोड घाट स्टेशन पर 15 दिनों के लिए ट्रेन रुकती है।