जेएनयू छात्रसंघ की उपाध्यक्ष रह चुकी शेहला राशिद हमेशा ही अपने सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर चर्चा में रहती हैं। केंद्र सरकार पर तंज करते हुए शेहला राशिद ने ट्वीट कर लिखा, उन्होंने सामूहिक नरसंहार करने वाले को चुनाव में चुना और माफी नहीं मांगी। तो हम भगवान की कृपा (God willing) और भगवान को महान (God is great) बताने के लिए क्यों माफी मांगे। ये कोई कॉकटेल पार्टी नहीं प्रतिरोध है।'' शेहला राशिद ने कुछ महीनों पहले राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान किया था। 31 वर्षीय शेहला फरवरी 2016 में जेएनयू में कथित तौर पर देश विरोधी नारे लगाने के बाद सुर्खियों में आ गई थीं।
शेहला राशिद ने एक दूसरे ट्वीट में 'God willing' और 'God is great' का मतलब समझाते हुए लिखा है, अल्लाह हु अकबर (Allah-u-Akbar)= God is great और इंशा अल्लाह = God willing लिखा है। शेहला राशिद ने यह ट्वीट दिल्ली में हो रहे नागरिकता कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन पर किया था।
शेहला राशिद जेएनयू छात्रसंघ की उपाध्यक्ष रह चुकी हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से शेहला पिछले कुछ दिनों से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर नागरिकता कानून को लेकर लगातार निशाना साध रही हैं। शेहला रशीद ने चुनावी राजनीति छोड़ने के वक्त ऐलान करते हुए कहा था कि वह कश्मीरियों के साथ हो रहे बर्ताव को बर्दाश्त नहीं कर सकती हैं। जम्मू कश्मीर में होने वाले BDC चुनाव से पहले शेहला ने राजनीति छोड़ने का ऐलान किया है था।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 12 दिसंबर को नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 को अपनी मंजूरी दे दी, जिसके बाद यह एक कानून बन गया है। एक आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित होने के साथ ही यह कानून लागू हो गया है।
नागरिकता कानून क्या है?
नागरिकता कानून के अनुसार हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के जो सदस्य 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हैं और जिन्हें अपने देश में धार्मिक उत्पीड़न का सामना पड़ा है, उन्हें गैरकानूनी प्रवासी नहीं माना जाएगा, बल्कि भारतीय नागरिकता दी जाएगी।