Shahjahanpur viral video: शाहजहांपुर जिले में 45 वर्षीय एक व्यक्ति ने पुलिस अधीक्षक (एसपी) कार्यालय में मंगलवार को अपने ऊपर तरल पदार्थ डालकर कथित रूप से आग लगा ली, जिसके चलते वह झुलस गया। पुलिस ने उसे राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। पुलिस के अनुसार जिले के थाना क्षेत्र कांट कस्बे में ताहिर (45) आज दोपहर पुलिस अधीक्षक कार्यालय आया और उसने अपने ऊपर कोई तरल पदार्थ डालकर आग लगा ली जिसके बाद आनन-फानन में पुलिस कर्मियों ने आग को बुझाया। इस घटना में पीड़ित के पैर झुलस गए। पुलिस के मुताबिक ताहिर का जिले के सदर बाजार थाना क्षेत्र के नगरिया बहाव निवासी उमेश तिवारी से दो छोटी मालवाहक गाड़ियों की बिक्री के बाद लेनदेन का विवाद है।
इस बीच, समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मामले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। पुलिस अधीक्षक (एसपी) अशोक कुमार मीणा ने बताया कि ताहिर अली तथा उमेश तिवारी के मध्य जान-पहचान है तथा उनके व्यावसायिक संबंध हैं। उनके मुताबिक ताहिर अली का उमेश तिवारी के साथ दो छोटी ‘लोडर’ गाड़ियों के स्वामित्व को लेकर विवाद न्यायालय में चल रहा है तथा दोनों पक्षों की ओर से एक-दूसरे पर मुकदमा भी सदर बाजार में दर्ज कराया गया है जिनकी जांच की जा रही है।
मीणा ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच पुलिस अधीक्षक (नगर) संजय कुमार के नेतृत्व वाली एक टीम कर रही है तथा जांच होने के बाद दोषी व्यक्ति के विरुद्ध विधिक का कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा , ‘‘हम पूरे मामले को देख रहे हैं और इस मामले में जो भी दोषी होगा उसे किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।’’
ताहिर ने बताया कि उसकी दो छोटी मालवाहक गाड़ियां उमेश तिवारी ने छीन ली हैं। उसके अनुसार उमेश तिवारी ने कुछ पैसा उसे ढाई साल में दिया है और वह उसकी गाड़ियां वापस नहीं कर रहा है। उसका कहना है कि इस संबंध में वह पुलिस से शिकायत भी कर चुका है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा ''शाहजहांपुर में पिकअप चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज न करने से आहत जिस युवक ने एसपी कार्यालय के सामने अपने शरीर में आग लगाई है, उसको तत्काल सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा सुविधा दी जाए और इसके लिए ज़िम्मेदार लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज कर सख़्त से सख़्त कार्रवाई की जाए।''
इसी पोस्ट में यादव ने कहा, ''जब प्राथमिक रिपोर्ट इतनी कम होती हैं तब तो राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट में प्रदेश की कानून-व्यवस्था की इतनी दुर्गति दिखाई देती है। अगर सच में हर अपराध की रिपोर्ट लिखाई जाए तो पता नहीं प्रदेश में तथाकथित अमृतकाल ही शर्म से आत्मदाह न कर ले।''