तमिल फिल्मों के मशहूर डायरेक्टर एएल विजय की फिल्म थलाइवी (Thalaivi) इस साल बड़े पर्दे पर रिलीज होगी। ये फिल्म तमिलानाडु की पांच बार मुख्यमंत्री रहीं जयललिता की जीवनी पर आधारित है। तमिलनाडु की राजनीति में तीन दशक तक प्रभावी नेताओं में एक जयललिता की आज 72वीं जयंती हैं। इस मौके पर 'थलाइवी' के मेकर्स ने कंगना रनौत का लुक जारी किया है। कंगना बिलकुल जयललिता की तरह दिख रही हैं। कहा जा रहा है कि कंगना को जयललिता के राजनीति में प्रवेश करने के दौरान वाला लुक दिया गया है। जयललिता ने राजनीति में कदम 1980 के दशक में रखा था। 1984 में पहली बार एआईएडीएमके ने उन्हें राज्यसभा भेजा था।
जानें जयललिता का राजनीतिक सफर
पिछले छह दशकों में तमिलनाडु की राजनीति में एम करुणानिधि, एमजी रामचंद्रन और जयललिता का प्रभाव ही रहा है। 1960 के दशक में डीएमके का नेतृत्व एम करुणानिधि के हाथों में था और उस समय तमिल फिल्मों के सुपरस्टार एमजी रामचंद्रन इसी पार्टी में थे। हालांकि करुणानिधि से मतभेदों के बाद एमजी रामचंद्रन (एमजीआर) ने डीएमके से अलग होकर एआईएडीमके पार्टी बना ली।
AIADMK ने 1977 में पहली बार तमिलनाडु विधानसभा चुनाव लड़ा था। उस समय तमिल फिल्मों में जयललिता का नाम काफी बड़ा था और उनकी एमजीआर के साथ जोड़ी सुपरहिट थी। एमजी रामचंद्रन को ही जयललिता को राजनीति में लाने का श्रेय जाता है। एक बार राजनीति में आने के बाद जयललिता ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 1991 में पहली बार तमिलनाडु की सीएम बनने वाली जयललिता पांच बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं।
नेता-अभिनेता की जगह बनना चाहती थी वकील
जयललिता ने सिमी ग्रेवाल के शो में इस बात खुलासा किया था कि वह कभी फिल्मों में नहीं आना चाहती थी। जयललिता जब दो साल की थीं तो उनके पिता का निधन हो गया है। उनकी मां फिल्मों काम करती थी। बचपन में जयललिता वकील बनना चाहती थीं लेकिन घर के हालात और भाग्य ने उन्हें तमिल फिल्मों का बड़ा नाम बना दिया। सिर्फ 13 साल की उम्र में उन्होंने पार्वती की भूमिका निभाई थी। फिल्म इंडस्ट्री में दो दशक तक जयललिता को पुरुषों की तरह सुपरस्टार का तमगा प्राप्त था।