हिंदी फिल्मों के जाने माने गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख्तर अपने एक ट्वीट को लेकर सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रहे हैं। जावेद अख्तर ने अपने ट्वीट में कुछ तस्वीरें शेयर की है, जिसमें दिख रहा है कि एक पुलिस वाला बुजुर्ग शख्स के साथ बदसूलकी कर रहा है। तस्वीरों में बुजुर्ग एक टाइपराइटर के साथ दिख रहा है। इस तस्वीर को शेयर कर जावेद ने लिखा, ये बुजुर्ग अपने टाइपराइटर से बेरोजगार लोगों के लिए नौकरी के आवेदन टाइप करता था। पुलिसकर्मी ने बुजुर्ग का टाइपराइटर तोड़कर उसकी रोजी-रोटी छीन ली। जावेद अख्तर ने इस ट्वीट को 20 अक्टूबर 2019 को किया है। इस ट्वीट पर चार हजार से ज्यादा रिट्वीट्स हैं और दस हजार से ज्यादा लाइक्स हैं। (खबर लिखे जाने तक)
इस ट्वीट को लेकर ट्विटर पर लोग कमेंट कर रहे हैं कि सालों पुरानी बात शेयर कर आप क्या साबित करना चाहते हैं जावेद अख्तर।
एक यूजर ने लिखा, आप जहर मत फैलाइए जावेद जी।
एक यूजर ने लिखा, कमलेश तिवारी की हत्या से ध्यान हटाने के लिए, 5 साल पुरानी घटना का जिक्र क्या वैचारिक जिहाद माना जाए।
बता दें कि 18 अक्टूबर 2019 को लखनऊ में हिंदू महासभा के नेता कमलेश तिवारी की गला रेतकर और गोली मारकर निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी।
एक यूजर ने लिखा, ये खबर पुरानी है।
जावेद अख्तर ने साल 2015 की तस्वीर शेयर की है
जावेद अख्तर ने ट्विटर पर जो पुलिल की बदसूलकी की तस्वीर शेयर की है वह साल 2015 के सितंबर महीने का है। 19 सितंबर 2015 को सब इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार ने 65 साल के बुजुर्ग शख्स कृष्णा से जगह खाली करवाने के लिए उसके साथ बदसूलकी करता है। रिपोर्ट के मुताबिक उसके बाद पुलिस ने बुजुर्ग शख्स को गाली भी दी थी और टाइपराइटर को तोड़ दिया था। इस घटना की तस्वीर उस वक्त सोशल मीडिया पर भी शेयर की गई थी।
मामले के हाइप होने पर तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पुलिसकर्मी को सस्पेंड करने का आदेश दिया था। इसके बाद बुजुर्ग शख्स कृष्णा से पुलिस वाले ने माफी भी मांगी थी और उन्हें नया टाइपराइटर भी दिया गया था।
इस घटना के बारे में जावेद अख्तर के ट्वीट के नीचे भी लोगों ने कमेंट कर बताया है। हालांकि ट्रोल होने के बाद जावेद अख्तर ने इस पर कोई भी सफाई नहीं दी है।