सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है। इस वीडियो में भोपाल से बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर को एक शख्स कहते हुए दिख रहा है कि आपको तो शर्म आनी चाहिए। वीडियो किसी विमान के अंदर का है। असल में यह पूरा विवाद भी फ्लाइट में एक सीट को लेकर है। सांसद प्रज्ञा स्पाइस जेट के विमान से दिल्ली से भोपाल शनिवार (21 दिसंबर) को आ रही थी। प्रज्ञा ठाकुर विमान में उनकी मनचाही सीट नहीं मिल पाने की वजह से नाराज थी। विमान के क्रू ने दिल्ली से भोपाल की यात्रा के लिए प्रज्ञा ठाकुर को वह सीट देने से इंकार कर दिया, जिस पर बैठ कर वह अपना सफर पूरा करना चाहतीं थीं। आखिर में विमान के केबिन क्रू द्वारा उपलब्ध कराई गई वैकल्पिक सीट पर बैठ कर प्रज्ञा ठाकुर ने अपना सफर पूरा किया।
इसी दौरान फ्लाइट में एक शख्स ने सांसद प्रज्ञा ठाकुर को बोला, आपको शर्म आनी चाहिए आपकी वजह से इतने लोगों को दिक्कत हो रही है। आप एक जन प्रतिनिधि हैं...आपका काम ये नहीं है कि आप जनता को परेशान करें। आप फर्स्ट क्लास से सफर नहीं कर सकतीं। प्रज्ञा उससे कहती हैं कि मैं फर्स्ट क्लास में सफर कर सकती हूं। आपको इतनी दिक्कत थी तो आपको अगली फ्लाइट लेकर आना चाहिए था। आपको इस बात की बिल्कुल शर्म नहीं है कि आपकी वजह से 50 लोगों को दिक्कत हो रही है। आप एक लीडर हैं, आपकी वजह से अगर एक भी इंसान को दिक्कत होती है तो आपको वह शोभा नहीं देता है।
'शर्म आनी चाहिए' वाले बात पर आपत्ति जताते हुए प्रज्ञा ठाकुर उस शख्स से कहती हैं कि अपनी जुबान पर लगाम दो। इस पर वह शख्स कहता है, ''मेरी जुबान बिल्कुल सही है...मैं आपसे प्यार और इज्जत से कह रहा हूं। शर्म कोई अपमानजनक शब्द नहीं है।'
भोपाल पहुंचने के बाद प्रज्ञा ठाकुर ने इस घटना को लेकर न केवल नाराजगी ही नहीं जाहिर की, बल्कि एयरपोर्ट प्रशासन से इसकी शिकायत भी की है।
इस वीडियो को शेयर कर ट्विटर यूजर ने लिखा है, सच में सांसद प्रज्ञा ठाकुर आपको शर्म आनी चाहिए।
प्रज्ञा ने रिपोर्टरों से बता करते हुए कहा, ''मैंने विमान में धरना नहीं दिया। मैंने अधिकारियों को बताया कि वास्तव में स्पाइस जेट विमान सेवा का स्टाफ यात्रियों के साथ सही व्यवहार नहीं करता है। उन्होंने मेरे साथ पहले भी ठीक से बर्ताव नहीं किया था और आज भी उनका व्यवहार अच्छा नहीं था।'' प्रज्ञा ने कहा, ''उन्होंने मुझे बुक की गई सीट नहीं दी। मैंने उनसे नियम दिखाने के लिये कहा और नहीं दिखाने पर अंत में मैंने निदेशक को बुलाया और अपनी शिकायत दर्ज कराई।''