दैनिक भास्कर अखबार के देश भर में कई दफ्तरों पर आयकर विभाग के छापे की खबर आने के बाद सोशल मीडिया पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है। अखबार के विभिन्न दफ्तरों पर छापे की जानकारी गुरुवार सुबह आई। वहीं, सूत्रों के अनुसार ये कार्रवाई बुधवार आधी रात के बाद कुछ जगहों पर शुरू हो गई थी।
भास्कर के दफ्तरों पर छापा इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि हाल में इस अखबार ने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान कई ऐसी स्टोरी की जिसकी खूब चर्चा हुई। ऐसे में अखबार के दफ्तर पर छापे की खबर के बाद जाहिर है एक बार फिर सरकार की मंशा को लेकर सवाल उठने लगे हैं। सोशल मीडिया पर भी कई रिएक्शन आ रहे हैं। वहीं कई यूजर भास्कर की कुछ महीनों पहले की गई खबरों के स्क्रिनशॉट भी शेयर कर रहे हैं।
कांग्रेस के गौरव पंढी ने लिखा, 'दैनिक भास्कर पर आज आयकर विभाग का छापा पड़ा है, ये एक संयोग नहीं है। ये उस समय हुआ है जब भास्कर ने मोदी सरकार से सही सवाल पूछने शुरू किए।'
वहीं, अभिषेक कुमार नाम के यूजर ने अखबार की पिछली कुछ रिपोर्ट्स के स्क्रिनशॉट को शेयर करते हुए लिखा, 'इसकी उम्मीद पहले से थी। एक डरी हुई सरकार के कदमों का अनुमान पहले से लग जाता है। कोरोना की लहर के दौरान सच्ची और साफ-सुथरी पत्रकारिता करने का ये इनाम मिलना ही था।'
अवि चौधरी ने भी दैनिक भास्कर की पिछली कुछ रिपोर्ट्स के स्क्रिनशॉट शेयर किए।
वहीं, न्यूजलॉन्ड्री वेबसाइट से जुड़ी मनीषा पांडे ने भास्कर अखबार के आज के पहले पन्ने का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा, 'सच..भोपाल में भास्कर ने पहले पन्ने पर केंद्र के ऑक्सीजन से जीरों मौतों पर खबर छापी है।'
वहीं अंकुर नाम के एक यूजर ने लिखा, दैनिक भास्कर के डायरेक्टर का नाम पनामा पेपर्स में था। भास्कर से ताल्लुक रखने वाले कुछ और लोगों के नाम भी थे। पत्रकार चाहते थे कि पनामा पेपर्स मामले में कार्रवाई हो। अब ये बोलने की आजादी खतरे में होने का रोना रो रहे हैं। आयकर एक्ट के नियमों का पालन नहीं करना और फ्रॉड करना क्या फ्रीडम ऑफ स्पीच है?
बता दें कि आयकर विभाग ने कर चोरी के आरोपों में मीडिया समूह दैनिक भास्कर के विभिन्न शहरों में स्थित परिसरों पर छापे मारे हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि छापेमारी भोपाल, जयपुर, अहमदाबाद और कुछ अन्य स्थानों पर की जा रही है। आयकर विभाग या उसके नीति निर्माण निकाय से किसी तरह की आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है।