पटना: बिहार में विलक्षण प्रतिभा के धनी बच्चों के द्वारा हर राज्य में अपनी योग्यता की डंका बजाये जाने की चर्चा होती रहती है. इसके लिए ये छात्र जीतोड़ मेहनत करते हैं. इसका नजारा इन दिनों बिहार की राजधानी पटना के इंजीनियरिंग कॉलेज से लेकर कालीघाट तक गंगा नदी के किनारे देखा जा सकता है. गंगा नदी के किनारे बैठ अपनी ही दुनिया में मशगूल ये छात्र प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करते हैं.
बताया जाता है कि राज्य के 38 जिले से अपनी किस्मत तराशने पटना आए ये छात्र बैठकर अभ्यास और ग्रुप डिस्कशन करते हैं. ना शोर-शराबा ना हो हल्ला. सब अपनी अपनी दुनिया में मग्न रहते है. यहां न मोबाइल होता है और ना ही व्हाट्सएप होता है, ना फेसबुक और न यूट्यूब, बस यहां जो कुछ होता है, ज्ञान का प्रसार होता है. तस्वीर अब सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी है.
वैसे इसके बारे में बताया जा रहा है यह कोई नया नजारा नहीं है. यह नजारा कोरोना काल के बाद से ही लग रहा है. छात्रों के सामने जो पुल नजर आ रहा है, वह मेरीन ड्राइव वाला पार्ट है, जो गंगा के किनारे किनारे फतुहा तक बन रहा है. गंगा के किनारे सुकून के साथ बच्चे अपनी-अपनी भविष्य को लेकर गहन चिंतन में मशगूल दिख जाते हैं.
शायद यही कारण है कि लोग कहते मिल जाएंगे कि अगर सरकारी नौकरी एवरेस्ट पर भी हो तो बिहारी युवा इक्का-दुक्का नहीं लाखों की तादाद में पहुंच जाएंगे. यह तस्वीर इस बात की ही गवाही दे रही है।