पटनाः बिहार में नीतीश सरकार के द्वारा करवाई जा रही जातीय गणना की सत्यता की पोल खुलने लगी है। अरवल जिले में 40 महिलाओं के पति का नाम रूपचंद है। मामला यहीं तक नहीं है बल्कि रूपचंद ही कई महिलाओं का पिता और बेटा भी है। इतना ही नहीं मोहल्ले की कई महिलाओं के द्वारा अपना सबकुछ रूपचंद को ही बताया जाता है।
रूपचंद इस अनोखे कारनामे में जिन महिलाओं ने उसे अपना पति बताया है वे सभी महिलाएं रेड लाइट एरिया की हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार अरवल के जिस मोहल्ले में वेश्यावृत्ति होती है। ऐसी ही महिलाओं की जाति पता करने के लिए जब गणना कर्मी महिलाओं से जब उसके पति का नाम पूछा तो हर महिला रूपचंद को पति बता रही थी।
इससे एक बार तो गणना कर्मी भी भौच्चक रह गया। इसी के बाद उसने भी रूपचंद के बारे में ज्यादा जानकारी जुटानी शुरू की। ऐसी करीब 40 महिलाएं रही जिनके पति का नाम रूपचंद निकला। गणना कर्मी ने रूपचंद का पता लगाने के लिए धंधे से जुड़ी महिलाओं से उसकी जानकारी ली।
आखिर कैसे कोई एक आदमी 40 महिलाओं का पति हो सकता है? इतना ही नहीं वह कई का पिता और पुत्र भी है। इससे परेशान गणना कर्मी ने जब महिलाओं से रूपचंद का हुलिया, उसका ठिकाना और रोजी रोजगार को लेकर जानना चाहा तो और बड़ी हैरानी हुई। दरअसल, रूपचंद कोई आदमी नहीं है। रूपचंद कोठे के धंधे में पैसे को कहा जाता है।
आम बोलचाल की भाषा में यहां कि महिलाओं द्वारा ‘ग्राहक’ से पैसे की मांग रूपचंद के नाम से की जाती है। यह कोडवर्ड है। चुकी वेश्यावृत्ति से जुड़ी महिलाओं को इस धंधे में सिर्फ पैसा ही सगा रिश्ता बनकर रह जाता है। ऐसे में वह पैसे को ही अपना सबसे भरोसेमंद साथी मानती है। यही वजह है कि महिलाओं ने अपना पति भी रूपचंद को बताया, पिता भी रूपचंद ही निकला और कई का पुत्र भी रूपचंद ही निकला।