कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और गांधी परिवार के बेहद करीब माने जाने वाले मोती लाल वोरा का निधन हो गया है। वे 93 साल के थे। उनका निधन दिल्ली के फोर्टिस एस्कोर्ट अस्पताल में सोमवार को हुआ। मिली जानकारी के अनुसार उन्हें रविवार रात अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अक्टूबर 2019 में वो कोरोना से भी संक्रमित हुए थे। मोती लाल वोरा का जन्म 20 दिसंबर 1928 को हुआ था। कल ही यानी 20 दिसंबर को उनका 93वां जन्मदिन था।जन्मदिन केमौके पर उनके बेटे अरुण बोरा ट्वीट किया था कि आदरणीय बाबूजी शजी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई व प्रणाम। मैं हमेशा आपके दिखाए पद चिन्हों पर चलने की कोशिश करता हुँ। आप स्वस्थ रहे व हम पर आपका आशीर्वाद बना रहे।वहीं उनके निधन पर राहुल गांधी ने जताया दुख राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि वोरा जी सच्चे कांग्रेसी और जबर्दस्त इंसान थे। उनकी कमी बहुत खलेगी। उनके परिवार से साथ मेरी संवेदनाएं हैं। आपको बता दें कि राजस्थान के नागौर में हुआ था। उनके पिता का नाम मोहनलाल वोरा और मां का नाम अंबा बाई था। मोतीलाल वोरा के बेटे अरुण वोरा दुर्ग से विधायक हैं और वे तीन बार विधायक के रूप में चुनाव जीत चुके हैं। कई दिनों तक पत्रकारिता के बाद मोतीलाल वोरा ने 1968 में राजनीति में कदम रखा था। उन्होंने 1970 में मध्यप्रदेश विधानसभा से चुनाव जीता। वे 1977 और 1980 में दोबारा विधानसभा में चुने गए और उन्हे 1980 में अर्जुन सिंह मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। मोतीलाल वोरा 1983 में कैबिनेट मंत्री बने। इसके बाद वे मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रहे। 13 फरवरी 1985 में मोतीलाल वोरा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और 13 फरवरी 1988 को उन्होंने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दिया। इसके बाद उन्होंने 1988 में ही केंद्र में स्वास्थ्य परिवार कल्याण और नागरिक उड्डयन मंत्रालय संभाला। अप्रैल 1988 में मोतीलाल वोरा मध्य प्रदेश से राज्यसभा के लिए चुने गए। वे 26 मई 1993 से 3 मई 1996 तक उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रहे।