''ट्रंप जो अमेरिका में कर रहे वही मोदी भारत में कर रहे हैं''अमेरिकी संसद में हुई हिंसा (US Parliament Building Capitol Hill Violence) पूरी दुनिया में सुर्खियों में बनी हुई है। अमेरिकी संसद ((US Parliament) में हुए बवाल को लेकर कई देश के नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। वहीं अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन (Bill Clinton) ने भी घटना को लेकर दुख जताया है। उन्होंने ट्विटर (Twitter) पर इस घटना को लेकर कई ट्वीट किए हैं। उनके ट्वीट पर भारत में कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने प्रतिक्रिया दी है। दिग्विजय सिंह ने अपने ट्विटर एकाउंट पर बिल क्लिंटन के ट्वीट को टैग करते हुए लिखा, “हम आपके विचारों को शेयर करते हैं मिस्टर बिल क्लिंटन, ट्रंप अमेरिका में जो कर रहे हैं, उनके दोस्त मोदी (PM Modi) भारत में भी वही कर रहे हैं। वह भारतीय लोगों को विभाजित करने और भारतीय संविधान को कम आंकने पर आमादा है।”अमेरिकी संसद में हुई हिंसा पर बिल क्लिंटन ने किए ट्वीटबिल क्लिंटन ने अमेरिकी संसद में हुई हिंसा को लेकर एक के बाद एक कई ट्वीट किए। अपने एक ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि, “यदि हम वास्तव में हैं, तो हमें आज की हिंसा को अस्वीकार करना चाहिए, पन्ना पलटना चाहिए और एक साथ आगे बढ़ना चाहिए- हमारे संविधान का सम्मान करते हुए, लोगों द्वारा लोगों के लिए और लोगों के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।”क्लिंटन ने एक और ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा कि, “आज हमें अपने कैपिटल, देश और संविधान पर एक हमले का सामना करना पड़ा। हमले को चार साल से अधिक समय तक जहर की राजनीति से दूर रखा गया था, जो जानबूझकर गलत सूचना फैला रहा था, हमारे सिस्टम में अविश्वास बो रहा था, और अमेरिकियों को एक दूसरे के खिलाफ खड़ा कर रहा था।”अमेरिका के इतिहास में अमेरिकी संसद में हुई यह घटना बड़ी घटना में दर्ज हो गई है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी इस पूरे मामले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि इसे अमेरिका के इतिहास में काले दिन के तौर पर देखा जाएगा। इतिहास इसे एक हिंसक दिन के रूप में याद करेगा। बता दें कि अमेरिकी संसद में देर रात ट्रंप समर्थक कैपिटल बिल्डिंग में घुस गए और हंगामा करने लगे। कैपिटल परिसर के बाहर निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पुलिस के बीच हिंसक झड़प भी हुई, जिसके बाद परिसर को 'लॉकडाउन' कर दिया गया। समर्थकों को रोकने और सांसदों को बचाने के लिए सुरक्षाकर्मियों को बंदूक भी निकालनी पड़ी। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस पूरी घटना में तीन से चार प्रदर्शनकारियों की गोली लगने से मौत हो गई। वही भीड़ पर काबू पाने के लिए मजबूरन पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। काफी संघर्ष के बाद यह मामला ठंडा पड़ सका।