''जाना था जापान पहुंच गए चीन समझ गए ना.'' इन दिनों भारतीय रेल की यही हालत है. रेलगाडि़यां चलाई किसी शहर के लिए जाती है और वह पहुंच कहीं और जाती है. रेलगाडि़यों का यह भटकाव करीब चार दिन पहले शुरू हुआ है, जब मुंबई से गोरखपुर के लिए चली गाड़ी उड़ीसा के राउरकेला पहुंच गई. यात्रियों ने जब यह देखा कि उनके गंतव्य स्टेशन की जगह रेलगाड़ी कहीं और आ गई है तो उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया.इसी तरह 2 दिन पहले मुंबई से ही छपरा के लिए चली ट्रेन जिसका सफर कोई 15 से 17 घंटे का था वह किसी अन्य राज्य में जाकर करीब 35 घंटे बाद छपरा पहुंची. गुस्साए लोगों ने छपरा स्टेशन पर हंगामा किया और तोड़फोड़ भी की. इसी तरह से सोमवार को एक गाड़ी भटक कर नागपुर पहुंच गई. रूट बदलाव की वजह से यात्रियों को खाना और पानी उपलब्ध कराने में दिक्कत आ रही है. जहां व्यवस्था है वहां से ट्रेन गुजर ही नहीं रही.