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Swami Vivekananda 158th Birth Anniversary: विवेकानंद से शादी करना चाहती थी विदेशी महिला, बन गई शिष्या

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 12, 2021 11:49 AM2021-01-12T11:49:27+5:302021-01-12T11:49:41+5:30

 

साल 1893 और जगह अमेरिका का मशहूर शहर शिकागो, विश्व धर्म सम्मेलन में जब विवेकानंद जी ने अपने संबोधन कि शुरुआत अमेरिका के बहनों और भाइयों से की... तो हॉल में मौजूद सभी विश्व गुरू और लोगों की तालियों की गड़गड़ाहट थमने का नाम नहीं ले रही थी। तालियां कुछ ही पल के लिए नहीं बल्कि कुछ समय तक बजती रही। स्वामी विवेकानंद के इस ऐतिहासिक भाषण का हर एक शब्द लोगों के जहन में बैठ गया है। क्योंकि भाषण में कही गई बातें आज भी प्रासंगिक है। स्वामी विवेकानंद ने जो कुछ भी उस समय कहा था, वो हमेशा हर शख्स, हर समाज पर लागू होता है, होता रहेगा... स्वामी विवेकानंद जी के बारे में कई कहानियां प्रचलित है, इन्हीं कहानियों में एक घटना ऐसी भी थी जब स्वामी विवेकानंद जी के सामने शादी का प्रस्ताव आया और शादी का प्रस्ताव रखने वाली अमेरिका की एक महिला थी... लेकिन वो पत्नी नहीं बल्कि जिंदगी भर के लिए उनकी शिष्या बनकर रह गई... क्या हुआ था उस दिन और कैसे बन गई विदेशी महिला उनकी शिष्या.. हम आपको बताएंगे... लेकिन सबसे पहले आप हमारे चैनल लोकमत हिंदी को जरूर सब्सक्राइब कर लीजिए...

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