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निर्भया के दोषियों का आखिरी हफ्ता, सारे उपाय आजमा लें दोषी-कोर्ट

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 5, 2020 11:00 PM2020-02-05T23:00:08+5:302020-02-05T23:00:08+5:30

 

 निर्भया की मां आशा देवी अब भी खुश नहीं है. वो कहती है कि उन्हें उस दिन खुशी मिलेगी जब उनकी बेटी के हत्यारों को फांसी होगी.. दिल्ली हाईकोर्ट ने चारों दोषियों को सभी कानूनी उपायों के लिए एक हफ्ते का समय दिया गया है..आशा देवी एक हफ्ता और इंतज़ार करने को तैयार हैं वो कहती हैं अदालत ने उन्हें एक हफ्ते का वक्त दिया है, हम तब तक इंतजार करेंगे। यह सरकार की अपील थी और सरकार को इसके बारे में सोचना होगा कि उन्हें कितनी जल्दी फांसी दी जा सकती है ..23 साल की छात्रा से 16 दिसंबर की रात को दक्षिण दिल्ली में चलती बस में छह लोगों ने बर्बरता के साथ सामूहिक बलात्कार किया और बाद में उसे सड़क पर फेंक दिया। हाई कोर्ट ने बुधवार को कहा कि निर्भया बलात्कार और हत्या मामले के सभी दोषियों को एक साथ फांसी दी जाए, न कि अलग अलग। हाई कोर्ट ने केंद्र की निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। निचली अदालत ने दोषियों की फांसी पर रोक लगाई थी .. जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने दोषियों को एक हफ्ते के अंदर जो भी आवदेन देना चाहे वह दायर करने का निर्देश दिया, जिसके बाद अधिकारियों द्वारा उस पर कार्रवाई की जाएगी.


 निचली अदालत ने 31 जनवरी को मामले में चारों दोषियों - मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार (31) की फांसी पर ‘‘अगले आदेश तक’’ रोक लगा दी थी। फिलहाल, चारों दोषी तिहाड़ जेल में हैं। मामले से जुड़े एक वकील ने बताया कि शीर्ष अदालत में चुनौती के लिए जो आधार बनाए गए हैं वो लगभग वहीं हैं जो निचली अदालत के फैसले के खिलाफ अपील दाखिल करते समय हाईकोर्ट में रखे गए थे । उन्होंने कहा कि चूंकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले की प्रति का इंतजार है, ऐसे में केंद्र और दिल्ली सरकार ने इसकी प्रतीक्षा करने के बजाय उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल करने को प्राथमिकता दी। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा है कि दोषियों को अलग-अलग फांसी दी जा सकती है क्योंकि मुकेश दया याचिका सहित सारे कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर चुका है 

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