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बूढ़े किसान की मौत पर फणवीस सरकार विपक्ष के निशाने पर

By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: February 2, 2018 03:46 PM2018-02-02T15:46:00+5:302018-02-02T15:46:27+5:30

महाराष्ट्र सचिवालय ‘मंत्रालय’ के समक्ष जमीन के पर्याप्त मुआवजे की मांग करते...

महाराष्ट्र सचिवालय ‘मंत्रालय’ के समक्ष जमीन के पर्याप्त मुआवजे की मांग करते हुए जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या का प्रयास करने वाले 84 वर्षीय किसान की रविवार  28 जनवरी की रात मौत हो गई। किसान को गंभीर हालत में स्थानीय जे जे अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। उत्तर महाराष्ट्र के रहने वाले किसान धरमा पाटिल की जमीन सरकार ने सोलर पावर प्लांट के लिए अधिगृहित की थी। इसके लिए उसे कम मुआवजा मिला था, इस महीने की 22 तारीख को पर्याप्त मुआवजे की मांग करते हुए उसने सचिवालय के समक्ष जहरीला पदार्थ खा लिया। अधिकारियों ने बताया कि पाटिल का पोस्टमार्टम अस्पताल में करा दिया गया है और बाद में शव परिजनों के हवाले कर दिया जाएगा। किसान पाटिल जहर खाने के बाद खुद  सरकारी अस्पताल गए थे, पाटिल के बेटे का कहना है कि उन्होंने सही मुआवजा पाने के लिए काफी प्रयास किए थे। नरेंद्र पाटिल ने बताया कि उनके पिता को 5 एकड़ जमीन के लिए 4 लाख रुपये दिए गए थे। 84 साल के धरमा कई महीनों से सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रहे थे, लेकिन उन्हें हर जगह से असफलता ही हाथ लगी।  मजबूर होकर 22 जनवरी को धरमा महाराष्ट्र सचिवालय के सामने जहरीला पदार्थ खा लिया था, परिवार ने कहा है कि वे तब तक धरमा का शव नहीं लेंगे जब तक उन्हें जमीन के एवज में उचित मुआवजा दिए जाने का लिखित आश्वासन न मिल जाए। वहीं किसान की मौत के बाद फडणवीस सरकार एक बार फिर विपक्ष के निशाने पर आ गया है।

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