Triple Talaq On Whatsapp: पहली पत्नी पहुंची कोर्ट, पति ने व्हाट्सएप पर दिया 'तलाक तलाक तलाक', पुलिस ने किया गिरफ्तार
By धीरज मिश्रा | Published: May 20, 2024 05:13 PM2024-05-20T17:13:24+5:302024-05-20T17:15:28+5:30
आदिलाबाद पुलिस के अनुसार, अतीक और जैस्मीन की शादी साल 2017 में हुई थी। दोनों को आगे दो बेटियां भी हुई। लेकिन, दोनों की शादीशुदा जिंदगी में जल्द ही कलह भी शुरू हो गई
Triple Talaq On Whatsapp: तेलंगाना के आदिलाबाद में ट्रांसपोर्टर का काम करने वाले एक 32 वर्षीय शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। शख्स की पत्नी ने पुलिस को शिकायत दी है कि उसके पति ने व्हाट्सएप वॉयस मैसेज के जरिए तीन तलाक दिया है। आदिलाबाद में तीन तलाक देने का यह पहला मामला दर्ज किया गया है। आरोपी पति की पहचान अब्दुल अतीक के तौर पर हुई है। आदिलाबाद पुलिस के अनुसार, अतीक और जैस्मीन की शादी साल 2017 में हुई थी।
दोनों को आगे दो बेटियां भी हुई। लेकिन, दोनों की शादीशुदा जिंदगी में जल्द ही कलह भी शुरू हो गई। जिससे रोजाना झगड़े होने लगे। यही वजह है कि दोनों बीते दो साल से अलग रहने लगे। अपनी दोनों बेटियों को लेकर जैस्मीन अपने मां के घर रहने लगी। वहीं, पहली पत्नी से दूरी बनने के बाद अतीक ने दूसरी शादी रचा ली।
साल 2023 में जैस्मीन ने दर्ज कराया मामला
आदिलाबाद पुलिस के अनुसार, साल 2023 में जैस्मिन ने अतीक के खिलाफ उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया था। इसके अतिरिक्त खुद और अपनी दो बेटियों के भरण-पोषण के लिए अदालत में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने जैस्मीन की याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने बेटियों के भरण-पोषण के लिए प्रति माह 7,200 रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया। कोर्ट के इस फैसले का पालन करने में अतीक फेल हुआ। इधर, पत्नी ने दोबारा कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए अतीक को पेश होने के लिए समन जारी किया।
नाराज पति ने उठाया कदम
कोर्ट का समन मिलने से नाराज अतीक ने जैस्मीन को व्हाट्सएप पर एक वॉयस मैसेज भेजकर 'तीन तलाक' का एलान कर दिया। जैस्मीन ने यह संदेश दोनों परिवारों के रिश्तेदारों के साथ साझा किया, रिश्तेदारों ने कानूनी शिकायत दर्ज करने की सलाह दी। रिश्तेदारों की सलाह के बाद जैस्मीन ने आदिलाबाद पुलिस से संपर्क किया।
अतीक पर मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम की धारा 3 के साथ पढ़ी जाने वाली धारा 4 के तहत मामला दर्ज किया। 20 जुलाई 2019 को भारत की संसद ने तीन तलाक की प्रथा को अवैध और असंवैधानिक माना, जिससे 1 अगस्त, 2019 से यह दंडनीय अपराध बन गया।