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India-China Standoff: Sikkim में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प, Indian Army ने जारी किया बयान

By गुणातीत ओझा | Published: January 28, 2021 01:22 AM2021-01-28T01:22:12+5:302021-01-28T01:23:12+5:30

19000 फीट ऊंचाई पर चीन से झड़प
इंडियन आर्मी ने क्या कहा?

भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जारी गतिरोध (India-China Standoff) के बीच सिक्किम सीमा पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच फिर झड़प हुई है। सीमा पर हुई इस झड़प को लेकर भारतीय सेना (Indian Army) ने आधिकारिक बयान जारी किया है। भारतीय सेना ने बताया, '20 जनवरी को सिक्किम के नाकु-ला दर्रे पर चीनी सैनिकों के साथ मामूली झड़प हुई थी। इसे लोकल कमांडर लेवल पर तय प्रोटोकॉल के मुताबिक, सुलझा लिया गया था।' सूत्रों के मुताबिक, नाकु-ला दर्रे पर हुई इस झड़प में चीन के 20 सैनिकों के जख्मी होने की खबर है। अभी स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, मगर हालात स्थिर हैं।

इस झड़प के बाद आई रिपोर्ट्स के मुताबिक सिक्किम के नाकु-ला (Sikkim Naku La Clash) में चीनी सेना ने यथास्थिति को बदलने का प्रयास किया। यह स्थान 19000 फीट की ऊंचाई पर है। सूत्रों के मुताबिक, भारतीय सीमा की ओर कुछ चीनी सैनिक घुसपैठ के इरादे से बढ़ रहे थे। इस दौरान भारतीय सेना (Indian Army) ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें चीन के 20 सैनिक जख्मी हुए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिक्किम के नाकु-ला में घुसपैठ की कोशिश उस वक्त हुई है, जब चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख से अपने 10 हजार जवानों को हटाया है। सूत्रों के मुताबिक, पूर्वी लद्दाख के अलावा सिक्किम समेत कई इलाकों से चीनी सेना ने अपनी तैनाती को कम किया है, लेकिन जवान अभी भी डटे हैं।

पूर्वी लद्दाख में चल रहे तनाव को लेकर भारत और चीन के बीच कमांडर स्तर की 9वें दौर की बातचीत आज सुबह लगभग 2:30 बजे खत्म हुई। मोल्डो में कल सुबह करीब 9.30 बजे शुरू होने के बाद यह बैठक 15 घंटे से ज्यादा देर तक चली। इस बैठक में भारत की ओर से सेना के 14 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन और चीन की तरफ से दक्षिणी शिनजियांग मिलिट्री रीजन कमांडर मेजर जनरल लियू लिन ने हिस्सा लिया।

इससे पहले 8 जनवरी को चीन के एक सैनिक को भारतीय सीमा में घुसने के बाद हिरासत में ले लिया गया था। घटना पूर्वी लद्दाख के पैगॉन्ग लेक के दक्षिणी हिस्से की थी। भारत ने 2 दिन बाद चीनी सैनिक को लौटा दिया था। चीन ने सफाई दी थी कि उसका सैनिक गलती से भारतीय इलाके में चला गया। बताते चलें कि साल 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ यह सहमति बनी थी कि सिक्किम भारत का है और चीन इसपर कोई दावा नहीं करेगा। इसके बदले में भारत ने तिब्‍बत को चीन का हिस्‍सा मान लिया था। हालांकि, इसके एक साल के भीतर ही चीन के उप-विदेश मंत्री ने तत्कालीन विदेश मंत्री से कहा था कि यह मुद्दा अभी सुलझा नहीं है।

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