क्लाइमेट चेंज एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने भारत में नए कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर ट्वीट किया था। दिल्ली पुलिस ने ट्वीट को भड़काऊ करार देते हुए ग्रेटा के खिलाफ आज गुरुवार को FIR दर्जी की है। दिल्ली पुलिस की एफआईआर के बाद ग्रेटा थनबर्ग ने फिर किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मैं अब भी किसानों के साथ खड़ी हूं और उनके शांतिपूर्वक विरोध का समर्थन करती हूं। नफरत, धमकी या मानवाधिकारों के उल्लंघन इसे बदल नहीं सकते। दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को ग्रेटा थनबर्ग पर आपराधिक षड्यंत्र और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज की है। स्वीडन की रहने वाली थनबर्ग ग्रेटा पर आईपीसी के सेक्शन 153 A और 120B के तहत FIR दर्ज की गई है। दिल्ली पुलिस ने ग्रेटा के खिलाफ उनके कई ट्वीट्स पर संज्ञान लिया है, जिन्हें भड़काऊ करार दिया जा रहा है।मंगलवार रात को किए गए पहले ट्वीट में ग्रेटा थनबर्ग ने लिखा "हम भारत में #FarmersProtest के साथ एकजुटता से खड़े हैं।" उनके ट्वीट के बाद फेमस पॉप सिंगर रिहाना ने ट्वीट कर कहा था कि इस मुद्दे पर बात की जानी चाहिए। विदेशी हस्तियों के देश के आंतरिक मामलों में दखल देने पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान जारी किया था। विदेश मंत्रालय ने कहा था कि ये देखकर दुख हुआ कि कुछ संगठन और लोग अपना एजेंडा थोपने के लिए इस तरह का बयान जारी कर रहे हैं। किसी भी तरह की टिप्पणी करने से पहले तथ्यों और परिस्थितियों की जांच करना जरूरी है। ग्रेटा थनबर्ग ने क्या किया था ट्वीटअब बात करते हैं ग्रेटा थनबर्ग के ट्वीट के बारे में उन्होंने मंगलवार को ट्वीट किया था कि हम भारत में किसानों के आंदोलन के प्रति एकजुट हैं। उन्होंने सीएनएन की एक खबर टैग की जिसका शीर्षक था, ‘प्रदर्शनकारी किसानों और पुलिस में झड़प के बीच भारत ने नयी दिल्ली के आसपास इंटरनेट सेवा बंद की।’ इतना ही नहीं, एक अन्य ट्वीट में उन्होंने किसान आंदोलन को लेकर एक कथित दस्तावेज भी शेयर किया था, जिसमें आंदोलन के समर्थन की प्लानिंग लिखी हुई थी।कौन हैं ग्रेटा थनबर्गग्रेटा थनबर्ग को जलवायु संकट के खिलाफ लड़ाई में सबसे अग्रणी वक्ता के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कई बार अपने भाषणों से लोगों को दिल जीता है। इसके अलावा डोनाल्ड ट्रंप के साथ उनकी ट्विटर वॉर की भी खूब चर्चा हुई थी। दिसंबर 2020 में स्वीडन की इस 16 साल की पर्यावरण ऐक्टिविस्ट को प्रतिष्ठित टाइम मैगजीन ने 2019 का 'पर्सन ऑफ द ईयर' चुना था।