भारतीय राजनीति में रामविलास पासवान ऐसा नाम है, जिन्होंने अपने दम पर सियासी बुलंदियाँ हांसिल की हैं, लेकिन गुरुवार यानी 8 अक्टूबर को उनेक अचानक निधन के बाद बिहार की राजनीति में उथल-पुथल देखने को मिल सकती है। उनके राजनीतिक दल और उनके सामाज्य को लेकर भी चिंता गहराती रही है। जिस तरह से उनके बेटे चिराग पासवान बिहार विधानसभा चुनाव में पॉलिटिकल रिस्क लेकर आगे बढ़ रहे हैं, उसके बाद यह सवाल महत्वपूर्ण हो जाता है कि क्या चिराग पासवान , रामविलास पासवान के सियासी साम्राज्य को संभाल पाएंगे?