क्या कम वोटिंग फूलपुर और गोरखपुर के उपचुनाव में बीजेपी के लिये नुकसानदेह साबित होने वाली है ? क्या इससे समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी गठबंधन को खुश होना चाहिये ? क्या सीएम योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में और डिप्टी सीएम केशव मौर्य फूलपुर में अपनी साख नहीं बचा पाएंगे ? उपचुनाव के वोटों की गिनती का समय जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है, ये सवाल सियासी गलियारों से निकलकर लोगों की जुबान जद हो गए हैं। बदले हुए वोटिंग पैटर्न के चलते राजनीतिक पंडितों के लिये भी सियासी समीकरण का जोड़-घटाव मुश्किल हो गया है। एग्जिट पोल के नाम पर गोरखपुर और फूलपुर की सियासत को नजदीक से जानने वाले जो बता रहे हैं उसमें बड़े उलटफेर की संभावना प्रबल है।