googleNewsNext

निर्भया केस: फांसी से बचने की विनय और मुकेश की कोशिशें बेकार, देखें कैसे.

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 14, 2020 04:04 PM2020-01-14T16:04:16+5:302020-01-14T16:33:22+5:30

सुप्रीम कोर्ट ने 2012 के निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के दो दोषियों की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज कर दी। इस फैसले के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि मेरे लिए बहुत बड़ा दिन है..मैं पिछले सात साल से निर्भया के लिए लड़ाई लड़ रही हूं..लेकिन 22 जनवरी को ही निर्भया को न्याय मिल पायेगा जब उसके दोषी फांसी पर चढ़ाये जाएगें..

न्यायमूर्ति एन वी रमण की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने मौत की सजा पाने वाले चार दोषियों में से विनय शर्मा और मुकेश कुमार की सुधारात्मक याचिकायें खारिज कर दीं। इन  दोनो दोषियों की सुधारात्मक याचिका पर जजों के चैंबर में सुनवाई हुई। अदालत ने इस मामले के चारों दोषियों को 22 जनवरी को सवेरे सात बजे तिहाड़ जेल में मृत्यु होने तक फांसी पर लटकाने के लिए डेथ वारंट जारी किया था। इसके बाद विनय और मुकेश ने क्यूरेटिव पिटीशन दायर की थी...

इससे पहले रविवार को तिहाड़ जेल निर्भया मामले के चारों दोषियों को फांसी फंदे के लटकाने का अभ्यास डमी पर किया गया।  तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने बताया कि दोषियों के वजन के मुताबिक ही डमी बनाई गई थी। डमी के बोरे में मलबा और पत्थर भरे थे। उन्होंने बताया कि दोषियों को जेल संख्या तीन में फांसी दी जाएगी। 

उप्र जेल प्रशासन ने पुष्टि कर दी है कि चारों दोषियों को फांसी देने के लिए मेरठ से पवन जल्लाद को भेजा जाएगा। तिहाड़ जेल प्रशासन ने उप्र जेल प्रशासन से दो जल्लाद भेजने का अनुरोध किया है। चारों दोषियों को एक ही वक्त पर फांसी दी जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि वो अधिकारी दोषियों से नियमित बात करते रहते हैं.. ताकि उनका मानसिक स्वास्थ्य अच्छा बना रहे। 2012 के इस दिल दहला देने वाले कांड के एक आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। जबकि एक अन्य दोषी नाबालिग था और तीन साल तक सुधार गृह में रहने के बाद उसे रिहा कर दिया गया था।

 

टॅग्स :निर्भया गैंगरेपसुप्रीम कोर्टक्राइम न्यूज हिंदीदिल्लीNirbhaya Gangrapesupreme courtcrime news hindidelhi