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आतंकियों संग गिरफ्तार डीएसपी ने पहले भी किया है सौदा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 15, 2020 10:10 AM2020-01-15T10:10:02+5:302020-01-15T11:07:56+5:30

जम्मू कश्मीर के गिरफ्तार डीएसपी दविंदर सिंह के घर पर लगातार चौथे दिन भी तलाशी ली गयी. देविंदर सिंह को  हिज्बुल मुजाहिद्दीन के दो आतंकवादियों को ले जाने के लिए गिरफ्तार किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि देविंदर सिंह के इंदिरानगर स्थित घर और उसी इलाके में अधिकारी के एक निर्माणाधीन बिल्डिंग की भी तलाशी ली गई। एक अधिकारी ने बताया, ‘‘तलाशी अभियान के दौरान कुछ दस्तावेज बरामद किये गये है।’’ लेकिन इन दस्तावेजों के बारे में जानकारी नहीं मिली है.. अधिकारियों ने बताया कि सिंह एक रिश्तेदार के घर रह रहा था जहां उसने दोनों आतंकवादियों को कथित तौर पर रातभर रखा था। 

पुलिस ने सिंह को शनिवार को कुलगाम के मीर बाजार क्षेत्र से हिज्बुल मुजाहिद्दीन के आतंकवादियों नावीद बाबा और अल्ताफ के साथ पकड़ा था। आतंकवादी संगठन के सक्रिय सदस्य के रूप में काम करने वाले एक वकील को भी गिरफ्तार किया गया था। पुलिस अधिकारी से विभिन्न सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के जवान पूछताछ कर रहे है। सिंह श्रीनगर हवाई अड्डे पर अपहरण रोधी दस्ते में डीएसपी के पद पर तैनात थे।

पुलिस की पूछताछ में जम्मू-कश्मीर पुलिस के निलंबित उपाधीक्षक दविंदर सिंह ने बताया कि वो हिज्बुल मुजाहिद्दीन के आतंकवादी नावीद बाबू को पिछले वर्ष जम्मू ले गया था और  शोपियां लौटने में भी उसकी मदद की थी।  अधिकारियों ने बताया कि डीएसपी  देविंदर सिंह ने दोनों को चंडीगढ़ में कुछ महीने तक घर दिलाने  के लिए कथित तौर पर 12 लाख रुपये लिए थे। अधिकारियों ने कहा कि डीएसपी के बयानों में एक दूसरे मे मेल नहीं खाते .. हर चीज की जांच की जा रही है और पकड़े गए आतंकवादियों के बयान से उसका मिलान किया जा रहा है। उनको दक्षिण कश्मीर के पूछताछ केंद्र में अलग-अलग कमरों में रखा गया है।

 पूछताछ के दौरान पता चला कि सिंह उन्हें 2019 में जम्मू लेकर गया था।  उन्होंने कहा कि नावीद ने पूछताछ करने वालों को बताया कि वे पहाड़ी इलाकों में रहते थे ताकि जम्मू-कश्मीर पुलिस से बच सकें और कड़ाके की ठंड से बचने के लिए वहां से हट जाते थे। अधिकारी ने कहा कि डीएसपी के बैंक खाते एवं अन्य संपत्तियों का आकलन पुलिस कर रही है और कागजात जुटाए जा रहे हैं। मामले को एनआईए  को सौंपा जा सकता है।  1990 में सब इंस्पेक्टर के तौर पर भर्ती हुए देविंदर सिंह एवं एक अन्य प्रोबेशनरी अधिकारी पर अंदरूनी जांच हुई थी जिसमें एक ट्रक से मादक पदार्थ जब्त किए गए थे। अधिकारियों ने बताया कि प्रतिबंधित पदार्थ को सिंह और एक अन्य उपनिरीक्षक ने बेच दिया था। उन्हें सेवा से बर्खास्त करने का कदम उठाया गया था लेकिर महानिरीक्षक स्तर के एक अधिकारी ने मानवीय आधार पर उसे रोक दिया था और दोनों को विशेष अभियान समूह में भेज दिया गया था। 

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