जब छोटे थे... तो स्कूल में होमवर्क पूरा न करने पर या कोई शरारत करने पर टीचर क्या करती थी? कान पकड़कर ऊठक-बैठक करवाती थी! अब दावा किया जा रहा है कि थोड़ी देर की वो सजा आपका कितना फायेदा कर गई... कान खींचना दिमाग के याद रखने की क्षमता बढ़ाता है। भारतीय स्कूलों की पुरानी सजा को आज अमेरिका में सुपर ब्रेन योगा कहा जा रहा है इंटरनेट पर ऊठक-बैठक से दिमाग तेज होने का दावा करती कई रिसर्च मौजूद हैं। 2014 में इंटरनेशनल जरनल ऑफ योगा ने भी एक रिसर्च की थी। इसके लिए 30 लोगों से 108 बार कान पकड़कर ऊठक-बैठक लगवाई गई। इसके बाद पाया गया कि इन लोगों में तनाव कम था और ये अपने आस-पास चीज़ों को लेकर ज़्यादा सतर्क थे.. ये एक्सरसाइज कराने के बाद जब मरीज के दिमाग का EEG कराया गया तो ये पाया गया उसके दाएं और बाएं दिमाग एक तर्ज पर काम कर रहे थे। हमारे कानों में बहुत ही ताकतवर एक्युपंक्चर पॉइन्ट्स होते हैं। कानों को दबाने पर निकली ऊर्जा सीधे दिमाग तक पहुंचती है। ये ऊर्जा दिमाग की ग्रंथियों और कोशिकाओं को सक्रिय करती है, जिस वजह से दिमाग की सोचने-समझने की क्षमता बढ़ती है और दिमाग ज्यादा बेहतर तरीके से जानकारी संजो पाता है।