शक्तिकांत दास - भारतीय रिजर्व बैंक के 25वें गवर्नर। 26 जनवरी 1957 को जन्मे दास भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के तमिलनाडु कैडर के अधिकारी रहे हैं। दास तमिलनाडु सरकार के विभिन्न पदों पर रहने के बाद भारत के राजस्व सचिव और आर्थिक मामलों के सचिव रहे। Read More
दास ने कहा कि अर्थव्यवस्था पर सूचनाओं और आंकड़ों के आधार पर चर्चा करने की जरुरत है। दास ने कहा कि रिजर्व बैंक ने समझ लिया था कि आर्थिक वृद्धि की रफ्तार सुस्त पड़ने वाली है और उसने सुस्ती शुरू होने से पहले ही फरवरी से रेपो दर में कटौती शुरू कर दी। उन् ...
रिजर्व बैंक की जारी विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘गवर्नर ने इस बात पर गौर किया है कि बैंकिंग क्षेत्र में कुछ सुधार आया है और मौजूदा आर्थिक स्थिति में कुछ चुनौतियां खड़ी होने की आशंका के बावजूद क्षेत्र में मजबूती बनी हुई है। ...
केंद्रीय बैंक ने इसके साथ ही 2019-20 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर का अनुमान एक प्रतिशत से ज्यादा घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया। इससे पहले अक्टूबर में जारी मौद्रिक नीति समीक्षा में यह अनुमान 6.1 प्रतिशत पर था। चालू वित्त वर्ष में केंद्रीय बैंक ...
रिजर्व बैंक के गवर्नर ने अपने दो पूर्ववर्तियों उर्जित पटेल और रघुराम राजन की भी सराहना की। उन्होंने कहा, ‘‘मुझसे ठीक पहले के दो गवर्नर और उनसे पहले के गवर्नर ने रिजर्व बैंक में अपना योगदान दिया है। ...
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘देश की सबसे बड़ी बैंकिंग संस्था आरबीआई कह रही है कि सरकार की नाक के नीचे बैंक धोखाधड़ी बढ़ते जा रहे हैं। 2018-19 में ये चोरी और बढ़ गयी। बैकों को 72,000 करोड़ रुपए का चूना लग चुका है। लेकिन वो गारंटर ...
वित्त वर्ष 2018-19 की बृहस्पतिवार को जारी वार्षिक रिपोर्ट में रिजर्व बैंक ने इस बात को स्वीकार किया है कि सही समस्या की पहचान करना मुश्किल है। लेकिन इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने कहा कि जमीन, श्रम और कृषि उपज विपणन क्षेत्र से जुड़ी गतिविधियों को छोड़क ...
केद्रीय बैंक की 2018-19 की सालाना रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिजर्व बैंक का वित्त वर्ष जुलाई से जून होता है। यह वह कोष है जो केंद्रीय बैंक किसी आपात स्थिति से निपटने के लिये अपने पास रखता है। ...
रपट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2018-19 में बैंकिंग क्षेत्र ने 71,542.93 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 6,801 मामलों को रिपोर्ट किया। इससे पहले वित्त वर्ष 2017-18 में यह आंकड़ा 5,916 मामलों का था और इसमें धोखाधड़ी की राशि 41,167.04 करोड़ रुपये थी। ...