रेपो दर में नहीं हुआ बदलाव, जानिए RBI की मौद्रिक नीति की 10 बड़ी बातें
By भाषा | Published: December 5, 2019 01:47 PM2019-12-05T13:47:32+5:302019-12-05T13:47:32+5:30
केंद्रीय बैंक ने इसके साथ ही 2019-20 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर का अनुमान एक प्रतिशत से ज्यादा घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया। इससे पहले अक्टूबर में जारी मौद्रिक नीति समीक्षा में यह अनुमान 6.1 प्रतिशत पर था। चालू वित्त वर्ष में केंद्रीय बैंक की यह पांचवी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया। केन्द्रीय बैंक ने मुख्य दर रेपो को 5.15 प्रतिशत पर बरकरार रखते हुये अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के वास्ते अपने रुख को उदार बनाये रखा है।
हालांकि, केंद्रीय बैंक ने इसके साथ ही 2019-20 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर का अनुमान एक प्रतिशत से ज्यादा घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया। इससे पहले अक्टूबर में जारी मौद्रिक नीति समीक्षा में यह अनुमान 6.1 प्रतिशत पर था। चालू वित्त वर्ष में केंद्रीय बैंक की यह पांचवी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा है।
वित्त वर्ष 2019-20 की पांचवीं द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की मुख्य बातें :
* रेपो दर 5.15 प्रतिशत पर अपरिवर्तित।
* चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर का अनुमान 6.1 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत किया गया।
* विभिन्न त्वरित संकेतक बता रहे हैं कि मांग हालात कमजोर बने हुए हैं।
* आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिये रिजर्व बैंक उदार रुख बनाये रखेगा।
* यह माना है कि मौद्रिक नीति में भविष्य में कदम उठाने की गुंजाइश बनी हुई है।
* चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के लिए खुदरा मुद्रास्फीति अनुमान बढ़ाकर 5.1-4.7 प्रतिशत किया।
* रिजर्व बैंक का मानना है कि रेपो दर में कटौती का लाभ आगे पहुंचाने का काम बेहतर होगा।
* विदेशी मुद्रा भंडार तीन दिसंबर को 451.7 अरब डॉलर पर रहा। पिछले वित्त वर्ष की समाप्ति से यह 38.8 अरब डॉलर अधिक रहा।
* मौद्रिक नीति समिति के सभी छह सदस्यों ने नीतिगत दरों को अपरिवर्तित रखने का पक्ष लिया।
* मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक चार से छह फरवरी 2020 को होगी।
Reserve Bank of India (RBI) Governor Shaktikanta Das: As regards the external sector, exports contracted in September-October 2019 reflecting the persisting weakness in global trade but non-oil export growth returned to positive territory in October, after a gap of 2 months. pic.twitter.com/7gAQXItLWm
— ANI (@ANI) December 5, 2019
नीतिगत दर में कटौती का लाभ बैंक ग्राहकों तक पहुंचने की गति से रिजर्व बैंक संतुष्ट
बैंकों की ओर से नीतिगत दर में कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने का काम समुचित रूप से बेहतर रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्रीय बैंक इसको लेकर संतुष्ट है। दास यहां चालू वित्त वर्ष की पांचवी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा जारी करने बाद संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे।
रिजर्व बैंक ने इस समीक्षा में नीतिगत दर रेपो को 5.15 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है। साथ ही कहा है कि आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए वह भविष्य में अपने रुख को उदार बनाए रखेगा। दास ने कहा कि नीतिगत दरों में कटौती का लाभ लोगों तक पहुंचाना लंबे समय से केंद्रीय बैंक को परेशान करता रहा है, लेकिन अब बैंकों द्वारा अपनी कर्ज की ब्याज दरों को किसी बाहरी मानक से जोड़ने की शुरुआत के बाद इसके बेहतर होने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि नए ऋणों पर ब्याज दर में औसतन 0.44 प्रतिशत की कमी आयी है। दास ने यह भी कहा कि पूंजीगत व्यय में जो चक्रीय सुस्ती चल रही थी, जिसकी वजह से आर्थिक वृद्धि को नुकसान पहुंच रहा था उसमें सुधार के संकेत हैं।
रिजर्व बैंक ने रेपो दर में नहीं किया कोई बदलाव, आर्थिक वृद्धि का अनुमान घटाया
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक मंगलवार को शुरू हुई थी। मौद्रिक नीति समीक्षा में कहा गया है, ‘‘ मौद्रिक नीति समिति ने माना है कि मौद्रिक नीति में भविष्य में कदम उठाए जाने की गुंजाइश बनी हुई है। बहरहाल, मौजूदा आर्थिक वृद्धि और मुद्रास्फीति आयामों को ध्यान में रखते हुए समिति ने इस समय दरों को अपरिवर्तित रखना उपयुक्त समझा।’’
आरबीआई ने कहा कि जब तक आवश्यकता होगी आर्थिक वृद्धि की गति बढ़ाने के लिए वह अपना नीतिगत रुख उदार बनाए रखेगा, साथ ही यह सुनिश्चित करेगा कि मुद्रास्फीति लक्ष्य के भीतर रहे। मौद्रिक नीति समिति के सभी छह सदस्यों ने रेपो दर को अपरिवर्तित रखने के पक्ष में अपनी सहमति दी है।
केंद्रीय बैंक ने 2019-20 की दूसरी छमाही में खुदरा मुद्रास्फीति अनुमान को बढ़ाकर 5.1-4.7 प्रतिशत और 2020- 21 की पहली छमाही में 4- 3.8 प्रतिशत कर दिया। इससे पहले वर्ष 2019 में फरवरी से लेकर अक्टूबर तक पिछली पांच द्विमासिक समीक्षाओं में रिजर्व बैंक ने रेपो दर में 1.35 प्रतिशत की कटौती कर चुका है।