सूचना का अधिकार अधिनियम भारत की संसद द्वारा पारित एक कानून है, जो 12 अक्टूबर 2005 को लागू हुआ। यह कानून भारत के सभी नागरिकों को सरकारी फाइलों/रिकॉडर्स में दर्ज सूचना को देखने और उसे प्राप्त करने का अधिकार देता है। जम्मू एवं कश्मीर को छोड़ कर भारत के सभी भागों में यह अधिनियम लागू है। सरकार के संचालन और अधिकारियों/कर्मचारियों के वेतन के मद में खर्च होने वाली रकम का प्रबंध भी हमारे-आपके द्वारा दिए गए करों से ही किया जाता है। यहां तक कि एक रिक्शा चलाने वाला भी जब बाज़ार से कुछ खरीदता है तो वह बिक्री कर, उत्पाद शुल्क इत्यादि के रूप में टैक्स देता है। इसलिए हम सभी को यह जानने का अधिकार है कि उस धन को किस प्रकार खर्च किया जा रहा है। यह हमारे मौलिक अधिकारों का एक हिस्सा है। Read More
आरटीआई दस्तावेजों में यह भी बताया गया है कि मध्यप्रदेश सरकार का प्रतिनिधिमंडल दावोस के विशेष व्यापार लाउंज में आयोजित इस कार्यक्रम में शामिल हुआ था। हालांकि, राज्य सरकार ने अपने जवाब में कहा कि असल में करीब एक करोड़ रुपया ही खर्च किया गया। ...
गलाकाट प्रतिस्पर्धा वाली प्रवेश परीक्षा में कामयाब होने के बाद देश के आठ प्रमुख भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में दाखिला पाने वाले करीब 66,000 विद्यार्थी फैकल्टी की कमी से जूझ रहे हैं. सूचना के अधिकार ( आरटीआई ) से खुलासा हुआ है कि देश के इन ...
मंत्रालय ने इससे पहले अपनी प्रतिक्रिया में कहा था, ‘‘सिर्फ भारतीय नागरिकों को सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के प्रावधानों के तहत सूचनाएं मांगने का अधिकार है। ...
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जनपद के गुमा गांव निवासी आरटीआई कार्यकर्ता जैनेन्द्र कुमार गेंदले ने जनसूचना अधिकार अधिनियम - 2005 के तहत 10 रुपए का पोस्टल ऑर्डर भेजकर जिला प्रशासन से कई सवाल पूछे हैं। ...
RTI report on Lok Sabha and Rajya Sabha MP's wages: राज्यसभा सचिवालय ने गौड़ को उनकी आरटीआई अर्जी पर बताया कि वित्तीय वर्ष 2014-15 से लेकर वित्तीय वर्ष 2017-18 के बीच संसद के इस उच्च सदन के सदस्यों को वेतन और भत्तों के रूप में कुल 4,43,36,82,937 (4.4 ...
सीईसी ने आरटीआई प्रावधान के अंतर्गत सूचना के आवेदन प्राप्त करने के लिये बीसीसीआई को 15 दिन के अंदर ऑनलाइन और ऑफलाइन तंत्र तैयार करने के निर्देश दिये। ...