जैसे आम लोग अपने काम के लिए बैंकों से लोन लेते है, उसी तरह बैंक अपने काम के लिए रिजर्व बैंक से लोन लेते हैं। इस लोन बैंक जिस रेट से ब्याज चुकाते हैं उसे रेपो रेट कहते हैं। रेपो रेट का सीधा असर आम लोगों पर पड़ता है, क्योंकि अगर रेपो रेट ज्यादा होगा तो बैंकों को महंगा लोन मिलेगा और वो अपने ग्राहकों को ज्यादा रेट पर लोन देंगे। वहीं अगर रेपो रेट कम होगो तो कों को कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध होगा और वो भी ग्राहकों को सस्ता कर्ज दे सकते हैं। Read More
RBI Monetary Policy: इंडियन बैंक ने कहा कि उसने अपने आवास कर्ज पर ब्याज दर को मौजूदा 8.15 प्रतिशत प्रति वर्ष से घटाकर 7.90 प्रतिशत प्रति वर्ष कर दिया है। ...
State Bank of India:एसबीआई ने जमाओं पर मिलने वाले ब्याज की दरों में भी 0.10-0.25 प्रतिशत अंकों की कटौती कर दी है। नई दरें 15 अप्रैल से प्रभावी होंगी। ...
Reserve Bank of India: केंद्रीय बैंक ने मई, 2022 और फरवरी, 2023 के बीच नीतिगत दर को 2.50 प्रतिशत बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया था। फरवरी, 2025 में, रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर इसे 6.25 प्रतिशत किया गया। ...
RBI Policy Meeting 2025 Live: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष की आखिरी द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा की। ...