उत्तर प्रदेश में स्थित प्रयागराज भारत के प्राचीन शहरों में से एक है। हिंदू धर्म के मुताबिक प्रयागराज एक तीर्थ स्थल है। प्रयागराज से पहले इसका नाम इलाहाबाद था। ऐतिहासिक उल्लेख की बात करें तो इस शहर का इलाहाबाद नाम अकबर ने 1583 में दिया था। साल 2018 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करने का ऐलान कर दिया है।दरअसल, गोमुख से इलाहाबाद तक जहां कहीं भी कोई सहायक नदी गंगा से मिलती है उस स्थान को प्रयाग कहा गया है, जैसे- देवप्रयाग, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग आदि। इस तरह जहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का संगम है उसे प्रयागराज कहा जाएगा। इसे संगम नगरी, कुंभ नगरी और तीर्थराज भी कहा गया है। Read More
प्रयागराज की महिमा यहां हर साल लगने वाले माघ मेले और हर छह साल में लगने वाले कुम्भ से है जिसमें बड़े बड़े पंडालों में साधु संत भंडारे का आयोजन करते हैं। लेकिन इस लॉकडाउन के दौर में आज जब सही मायनों में ‘अन्न क्षेत्र’ (लंगर) चलाने की जरूरत है तो ज्याद ...
सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस प्रक्रिया के पहले चरण में सोनभद्र, चंदौली, वाराणसी, जौनपुर, प्रतापगढ़, कौशांबी, फतेहपुर और चित्रकूट के छात्रों को भेजने का निर्देश दिया गया है। ...
मुंबई एयरपोर्ट पर नौकरी करने वाले पांडेय ने कहा, “मैंने देखा कि सरकार ने एक रास्ता छोड़ रखा है वह है व्यापार का रास्ता। फल, सब्जी, दूध का व्यापार कर हम धीरे धीरे आगे बढ़ सकते हैं। मैंने वही रास्ता चुना और यहां तक आ गया।” ...
प्रयागराज में दिवंगत व्यक्ति की आत्मा की शांति के लिए अस्थि विसर्जन और पिंडदान जैसे अंतिम संस्कारों के लिए आए लोग अब यहां कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन की वजह से फंस गए हैं। ऐसे में लोग अपने घरों को वापस नहीं जा पा रहे हैं। ...
विज्ञप्ति के मुताबिक, अभी तक कुल 23 संदिग्धों के नमूने जांच के लिए अधिकृत लैब भेजे गए थे जिसमें से 19 व्यक्तियों की रिपोर्ट नेगेटिव प्राप्त हुई है और एक व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है जिसे कोविड एल-1 अस्पताल, कोटवा एट बनी के पृथक वार्ड में रखा गया ...