चंद्रमा के आसपास भारत का यान अकेला नहीं है। फिलहाल चंद्रमा के आस-पास जो अन्य उपग्रह पहले से ही चक्कर काट रहे हैं उनमें नासा के चंद्र टोही ऑर्बिटर (एलआरओ), आर्टेमिस के तहत पुनर्निर्मित नासा के थीमिस मिशन के दो यान और भारत का चंद्रयान -2 भी है। ...
इसरो की दी जानकारी के अनुसार, चंद्रयान-3 चंद्रमा की तीसरी कक्षा में पहुंच गया है। अब यह चांद से महज 1437 किलोमीटर की दूरी पर है। अपडेट के मुताबिक, चंद्रयान-3 174किमी X 1437किमी वाली एक छोटी अंडाकार कक्षा में घूम रहा है। ...
इसरो के अध्यक्ष एस.सोमनाथ ने चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान बारे में कहा है कि अगर सब कुछ विफल हो जाता है, अगर सभी सेंसर विफल हो जाते हैं, कुछ भी काम नहीं करता है, फिर भी यह (विक्रम) लैंडिंग करेगा। इसे इसी तरह डिज़ाइन किया गया है। ...
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा है कि चंद्रयान-3 का सर्वाधिक महत्वपूर्ण चरण कक्षा निर्धारण प्रक्रिया होगी, जब अंतरिक्षयान 100 किलोमीटर की वृत्ताकार कक्षा से चंद्रमा के करीब जाना शुरू करेगा। ...
Chandrayaan-3 Mission: यान का चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के महत्वाकांक्षी 600 करोड़ रुपये के मिशन में एक बड़ा मील का पत्थर साबित हुआ। ...
आगामी 24 अगस्त को चंद्रयान 3 मिशन का रोबोटिक उपकरण चंद्रमा पर उस जगह उतरेगा जहां अब तक दुनिया का कोई भी देश अपने अभियान को सफलता पूर्वक अंजाम नहीं दे पाया है। साल 2019 में चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की हार्ड लैंडिंग की वजह से मिशन खराब हो गया था। ...