चंद्रमा के और करीब पहुंचा चंद्रयान-3, अब बस 1437 किलोमीटर दूर, इसरो ने दी जानकारी

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: August 9, 2023 04:44 PM2023-08-09T16:44:39+5:302023-08-09T16:46:30+5:30

इसरो की दी जानकारी के अनुसार, चंद्रयान-3 चंद्रमा की तीसरी कक्षा में पहुंच गया है। अब यह चांद से महज 1437 किलोमीटर की दूरी पर है। अपडेट के मुताबिक, चंद्रयान-3 174किमी X 1437किमी वाली एक छोटी अंडाकार कक्षा में घूम रहा है।

Chandrayaan-3 reached closer to the Moon now just 1437 km away ISRO gave information | चंद्रमा के और करीब पहुंचा चंद्रयान-3, अब बस 1437 किलोमीटर दूर, इसरो ने दी जानकारी

चंद्रयान-3 अब चांद से महज 1437 किलोमीटर की दूरी पर है

Highlightsचंद्रयान-3 ने 5 अगस्त को चांद की पहली कक्षा में प्रवेश किया थाअब यह चांद से महज 1437 किलोमीटर की दूरी पर हैचंद्रयान-3 174किमी X 1437किमी वाली एक छोटी अंडाकार कक्षा में घूम रहा है

नई दिल्ली: इसरो ने कहा है कि चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान  बुधवार को चंद्रमा की सतह के करीब पहुंच गया है।  इसरो की दी जानकारी के अनुसार, चंद्रयान-3 चंद्रमा की तीसरी कक्षा में पहुंच गया है। अब यह चांद से महज 1437 किलोमीटर की दूरी पर है। अपडेट के मुताबिक, चंद्रयान-3 174किमी X 1437किमी वाली एक छोटी अंडाकार कक्षा में घूम रहा है।

इसरो ने ट्वीट कर बताया कि चांद के और करीब। चंद्रयान-3 ने सफलतापूर्वक तीसरी कक्षा में प्रवेश कर लिया है। 14 अगस्त को दोपहर 11:30-12:30 के बीच इसे अगले ऑर्बिट में प्रवेश करेगा। अब चंद्रयान-3 को 100 किमी की वृत्ताकार कक्षा में ले जाने के लिए नौ से 17 अगस्त के बीच सिलसिलेवा प्रक्रियाएं अपनाई जाएंगी।

बता दें कि इससे पहले इसरो के अध्यक्ष एस.सोमनाथ ने बताया था कि अगर सब कुछ विफल हो जाता है, अगर सभी सेंसर विफल हो जाते हैं, कुछ भी काम नहीं करता है, फिर भी यह (विक्रम) लैंडिंग करेगा। इसे इसी तरह डिज़ाइन किया गया है। इसरो प्रमुख ने कहा कि इसके लिए जरूरी है कि बस प्रणोदन प्रणाली अच्छी तरह से काम करे।

चंद्रयान-3 की सबसे बड़ी चुनौती सॉफ्ट लैंडिंग ही है क्योंकि जब पिछली बार चंद्रयान-2 के लैंडर ने चंद्रमा पर उतरने की कोशिश की थी तब यह क्रैश हो गया था और मिशन में इसरो को कामयाबी नहीं मिली थी। इस बार इसरो ने सारी अनुमानित समस्याओं का पहले से ही अंदाजा लगा कर काफी तैयारी की है। 

चंद्रयान-3 अंतरिक्ष में 14 जुलाई को प्रक्षेपित हुआ और यह पांच अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर गया। इसे चंद्रमा के करीब लाने के लिए तीन और डी-ऑर्बिटिंग कवायद होगी ताकि विक्रम 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर उतर सके। सोमनाथ ने कहा कि ये डी-ऑर्बिटिंग कवायद नौ अगस्त, 14 अगस्त और 16 अगस्त को होगी। 

बता दें कि अंतिम कक्षा में पहुंचने के बाद, अंतरिक्ष यान एक डीबूस्ट प्रक्रिया शुरू करेगा जहां 23 अगस्त को चंद्र सतह पर उतरने के लिए लैंडर मॉड्यूल के अलग होने से पहले यान धीमा हो जाएगा। भारत का पिछला चंद्र मिशन चंद्रयान-2 सॉफ्ट लैंडिंग में असफल रहा था। अगर चंद्रयान-3 अपने मिशन में सफल होता है तो यह भारत को इतिहास के पन्नों में चंद्रमा पर सॉफ्ट-लैंडिंग करने वाला दुनिया का चौथा देश बना देगा।  केवल संयुक्त राज्य अमेरिका, तत्कालीन सोवियत संघ और चीन ही ऐसे तीन देश हैं जो अब तक ऐसा करने में सफल हो पाए हैं। 

Web Title: Chandrayaan-3 reached closer to the Moon now just 1437 km away ISRO gave information

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