सब कुछ फेल हो जाए तो भी चंद्रयान-3 का लैंडर चंद्रमा पर उतरेगा - इसरो अध्यक्ष एस.सोमनाथ

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: August 9, 2023 02:57 PM2023-08-09T14:57:58+5:302023-08-09T14:59:48+5:30

इसरो के अध्यक्ष एस.सोमनाथ ने चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान बारे में कहा है कि अगर सब कुछ विफल हो जाता है, अगर सभी सेंसर विफल हो जाते हैं, कुछ भी काम नहीं करता है, फिर भी यह (विक्रम) लैंडिंग करेगा। इसे इसी तरह डिज़ाइन किया गया है।

Chandrayaan-3's lander will land on Moon even if all else fails ISRO Chairman S. Somnath | सब कुछ फेल हो जाए तो भी चंद्रयान-3 का लैंडर चंद्रमा पर उतरेगा - इसरो अध्यक्ष एस.सोमनाथ

पिक्चर क्रेडिट @chandrayaan_3 ट्विटर

Highlightsइसरो के अध्यक्ष एस.सोमनाथ ने चंद्रयान-3 के बारे में दी महत्वपूर्ण जानकारीलैंडर ‘विक्रम’ 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट-लैंडिंग’ करने में सक्षम होगाकहा- सब कुछ असफल रहा तो भी विक्रम लैंडिंग करेगा

नई दिल्ली: इसरो के अध्यक्ष एस.सोमनाथ ने चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान बारे में कहा है कि भारत के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 का लैंडर ‘विक्रम’ 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट-लैंडिंग’ करने में सक्षम होगा। एस.सोमनाथ ने ये भी कहा कि अगर सब कुछ विफल हो जाता है, अगर सभी सेंसर विफल हो जाते हैं, कुछ भी काम नहीं करता है, फिर भी यह (विक्रम) लैंडिंग करेगा। इसे इसी तरह डिज़ाइन किया गया है। इसरो प्रमुख ने कहा कि इसके लिए जरूरी है कि बस प्रणोदन प्रणाली अच्छी तरह से काम करे।

गैर-लाभकारी संस्था दिशा भारत द्वारा आयोजित ‘चंद्रयान-3: भारत का गौरव अंतरिक्ष मिशन’ विषय पर एक बातचीत के दौरान सोमनाथ ने कहा कि लैंडर 'विक्रम' का पूरा डिजाइन इस तरह से बनाया गया है कि यह विफलताओं को संभालने में सक्षम होगा। चंद्रयान-3 अंतरिक्ष में 14 जुलाई को प्रक्षेपित हुआ और यह पांच अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर गया। इसे चंद्रमा के करीब लाने के लिए तीन और डी-ऑर्बिटिंग कवायद होगी ताकि विक्रम 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर उतर सके। सोमनाथ ने कहा कि ये डी-ऑर्बिटिंग कवायद नौ अगस्त, 14 अगस्त और 16 अगस्त को होगी। 

बता दें कि अंतिम कक्षा में पहुंचने के बाद, अंतरिक्ष यान एक डीबूस्ट प्रक्रिया शुरू करेगा जहां 23 अगस्त को चंद्र सतह पर उतरने के लिए लैंडर मॉड्यूल के अलग होने से पहले यान धीमा हो जाएगा। भारत का पिछला चंद्र मिशन चंद्रयान-2 सॉफ्ट लैंडिंग में असफल रहा था। अगर चंद्रयान-3 अपने मिशन में सफल होता है तो यह भारत को इतिहास के पन्नों में चंद्रमा पर सॉफ्ट-लैंडिंग करने वाला दुनिया का चौथा देश बना देगा।  केवल संयुक्त राज्य अमेरिका, तत्कालीन सोवियत संघ और चीन ही ऐसे तीन देश हैं जो अब तक ऐसा करने में सफल हो पाए हैं। 

इसरो अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने पहले कहा था कि चंद्रयान-3 अच्छी हालत में है। एस. सोमनाथ ने बताया था कि चंद्रयान-3 का सर्वाधिक महत्वपूर्ण चरण कक्षा निर्धारण प्रक्रिया होगी, जब अंतरिक्षयान 100 किलोमीटर की वृत्ताकार कक्षा से चंद्रमा के करीब जाना शुरू करेगा। चंद्रयान-3 अंतरिक्षयान अब चंद्रमा की 4,313 किलोमीटर (किमी) दीर्घवृत्ताकार कक्षा में मौजूद है और इसे 100 किमी की वृत्ताकार कक्षा में ले जाने के लिए नौ से 17 अगस्त के बीच सिलसिलेवा प्रक्रियाएं अपनाई जाएंगी।

Web Title: Chandrayaan-3's lander will land on Moon even if all else fails ISRO Chairman S. Somnath

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