भारतीय संविधान में भीड़ के द्वारा की गई हिंसा के लिए कोई कानून नहीं बनाया गया था। इसका फायदा उठाकर भारत में कई वारदातों को भीड़ ने अंजाम दिया। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के मुताबिक भारत की सबसे बड़ी मॉब लिंचिंग साल 1984 में हुई थी। जबकि कांग्रेस व अन्य विपक्षी पार्टियों के मुताबिक नरेंद्र मोदी सरकार में मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ गई हैं। हालांकि मॉब लिंचिंग का इंतिहास पुराना है। साल 1947 में जब हिन्दुस्तान को आजादी मिली और देश के दो टुकड़े हुए, भारत और पाकिस्तान, तब भी भीड़ ने कइयों को मौत के घाट उतार दिया था। तब उसे दंगे का नाम दिया गया था। लेकिन कई जगहों पर भारी मॉब लिंचिंग हुई थी। Read More
मोतिहारी स्थित महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र के सहायक प्रोफेसर संजय कुमार की असामाजिक तत्वों द्वारा की गई पिटाई के मामले में राहुल आर पांडेय, सन्नी वाजपेयी, अमन बिहारी वाजपेयी, पुरुषोत्तम मिश्र समेत करीब 20-25 लोगों पर नगर थाने ...
बताया गया था कि कुछ उपद्रवियों ने गोहत्या का आरोप लगाते हुए कासिम नाम के एक शख्स की पीट-पीट कर हत्या कर दी, जबकि दूसरा व्यक्ति गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे थे। ...
बताया जाता है कि इस दौरान इकट्ठी भीड़ ने ना केवल मांस से लदे पिकअप को जब्त किया बल्कि उसके चालक और खलासी की भी जमकर पिटाई की जिसे उनकी स्थिती गंभीर बनी हुई है। ...
हरियाणा के पलवल जिले से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि पलवल स्थित बेहरोला गांव में मवेशी चोरी के शक में ग्रामीणों ने एक शख्स की पीट-पीटकर हत्या कर दी। ...
विधायक का कहना है कि पुलिस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया है, वो निर्दोष हैं। उन्हें फंसाया जा रहा है। उल्टा रकबर और उसके साथियों के खिलाफ केस दर्ज करना चाहिए। ...