महाकुंभ या कुंभ मेला हर 12 वर्षों में चार स्थानों - प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन, नासिक पर आयोजित किया जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार देवताओं और राक्षसों का युद्ध 12 दिनों तक चला था। स्वर्ग का एक दिन पृथ्वी के एक वर्ष के समान होता है। इसलिए महाकुंभ 12 वर्षों में चार बार किया जाता है।आदि शंकराचार्य द्वारा पहली इस महा उत्सव की शुरुआत की गई थी। उन्होंने ही चार मुख्य तीर्थों को कुंभ मेले के चार पीठ के रूप में स्थापित कराया था। कुंभ मेले के दौरान देश दुनिया से दूर दूर से श्रद्धालु आते हैं। सभी का एक ही मकसद होता है पवित्र स्नान में डुबकी लगाना। मान्यता है कि कुंभ मेले के दौरान पवित्र स्नान करने से पिछले और इस जन्म के सभी पाप धुल जाते हैं। Read More
बैठक की सारी तैयारियां पूरी हो चुकी है। यह बैठक कई मायनों में अहम मानी जा रही है। आगामी लोकसभा चुनाव और राम मंदिर मुद्दे पर योगी सरकार कई फैसले ले सकती है। ...
शंकराचार्य ने कहा कि गोविंद ने सुमेरू पीठाधीश्वर नरेंद्रानंद, श्री निर्वाणी अनी अखाड़े के श्री महंत धरमदास, अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरि सहित कई अन्य संतों को पत्र लिखकर नाराजगी जाहिर की है। ...
राहुल गांधी को सॉफ्ट हिंदूत्व का तमगा तो कर्नाटक चुनाव के दौरान ही मिल गया था. रही-सही कसर मानसरोवर यात्रा ने पूरी कर दी थी जिसके बाद वो उदारवादी हिन्दुओं के सम्राट बन गए थे. दूसरी तरफ नरेन्द्र मोदी और अमित शाह हैं जिन्हें स्वभाविक रूप से 'हिन्दू ह्र ...
इस संन्यासी का कहना है कि टाट अत्यंत पवित्र और सात्विक वस्त्र है, जिसे कैकेयी माता ने वनगमन के समय भगवान राम को दिया था। टाट का एक वस्त्र बनाने में एक वर्ष का समय लग जाता है, जबकि दो-तीन माह में यह फट जाता है। ...